राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर इस समय बिहार की राजनीति में सक्रिय हैं। किशोर ने केंद्र और कई राज्यों में विभिन्न दलों को सत्ता में लाने में प्रमुख भूमिका निभाई है। कहा जाता है कि पिछले चुनाव में बिहार में सत्तारूढ़ जनता दल यूनाइटेड पार्टी की सफलता के पीछे प्रशांत किशोर का हाथ था। प्रशांत किशोर अब बिहार की राजनीति में सक्रिय हैं| प्रशांत किशोर ने बिहार में ‘जनसुराज’ पदयात्रा शुरू कर दी है| इस यात्रा के जरिए वह बिहार में मतदाताओं से सीधे संपर्क कर रहे हैं|
कहा जा रहा है कि प्रशांत किशोर जल्द ही चुनावी मैदान में उतरेंगे, लेकिन उनकी राजनीतिक पार्टी की स्थापना कब होगी? वह चुनाव कब लड़ेंगे? कौन सी सीट से चुनावी मैदान में उतरेंगे? ऐसे सवाल कई लोगों ने पूछे हैं| इसका जवाब खुद प्रशांत किशोर ने दिया है|
प्रशांत किशोर ने कहा, पहले बिहार के समाज को बदलाव के लिए तैयार होना चाहिए| इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि लोकसभा या विधानसभा चुनाव कौन जीतता है। समाज को बदलना चाहिए| हमने 2015 में ही बिहार चुनाव जीत लिया था| लेकिन, क्या उन्होंने बिहार के समाज को बदल दिया? क्या बिहार बदल गया है? क्या वहां विकास हुआ है? इन सभी बातों पर ध्यान देने की जरूरत है|
चुनाव लड़ने के सवाल पर प्रशांत किशोर ने कहा, मैं चुनाव लड़ूंगा या नहीं लड़ूंगा यह महत्वपूर्ण मुद्दा नहीं है| अगर सब लोग सोचेंगे तो मैं चुनाव लड़ूंगा| 2017-18 में जब मैं जेडीयू में था तो चर्चा थी कि अब राज्यसभा जाऊंगा, लेकिन फिर भी मैंने तय कर लिया था कि मैं बिहार में ही रहूंगा और बिहार के लिए काम करूंगा| अगर जनसुराज यात्रा के मेरे साथी कहेंगे तो मैं जरूर चुनाव लड़ूंगा|
प्रशांत किशोर ने कहा, मैं उस निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ूंगा जो मेरे सहयोगी मुझे बताएंगे| मैं अररिया, चंपारण, सासाराम, बक्सर, पटना, राधोपुर जैसी किसी भी सीट से चुनाव लड़ने को तैयार हूं| मैं किसी से नहीं डरता| अगर हम दूसरे राज्यों में जाकर चुनाव क्षेत्र चुन सकते हैं, तो वही काम हमारे अपने राज्य में हो तो हमारे लिए कितना आसान होगा? यदि मैं निर्णय कर लूं तो तुरंत निर्वाचन क्षेत्र का चयन किया जा सकता है। मैं निश्चित रूप से बिहार के बारे में इतना जानता हूं कि मैं अपने लिए सही निर्वाचन क्षेत्र चुन सकता हूं।
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