बिहार कांग्रेस में अंदरूनी गुटबाजी उस वक्त खुलकर सामने आ गई जब पार्टी के सुप्रीम नेता राहुल गांधी खुद पटना स्थित सदाकत आश्रम में मौजूद थे। कांग्रेस प्रदेश कार्यालय में सोमवार (7 अप्रैल) को दो गुटों के बीच जोरदार भिड़ंत हुई, जो देखते ही देखते मारपीट में बदल गई। राहुल गांधी की मौजूदगी में हुई इस शर्मनाक घटना ने पार्टी की अंदरूनी स्थिति को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस के दो गुट—एक पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह के समर्थकों का, और दूसरा पूर्व विधायक अमित कुमार टुन्ना के समर्थकों का—आपस में उलझ गए। विवाद उस वक्त भड़का जब अखिलेश सिंह के गुट के एक सदस्य ने टुन्ना के साथ कथित तौर पर बदसलूकी की। इसके बाद टुन्ना के समर्थकों ने पलटवार किया और कार्यकर्ता को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा।
जिस कार्यकर्ता की पिटाई हुई, उसने खुद को पकड़ी दयाल पंचायत समिति का सदस्य रवि रंजन बताया है। घटना के समय कांग्रेस कार्यालय में बड़ी संख्या में कार्यकर्ता मौजूद थे और स्थिति तनावपूर्ण हो गई।
यह सारा हंगामा उस समय हुआ जब राहुल गांधी बिहार दौरे पर पटना पहुंचे थे। वह पहले बेगूसराय में ‘पलायन रोको, नौकरी दो’ यात्रा में शामिल हुए और फिर सदाकत आश्रम में आयोजित संविधान सुरक्षा सम्मेलन को संबोधित करने पहुंचे थे।
अपने भाषण में राहुल गांधी ने कहा, “कांग्रेस की जिम्मेदारी है कि हम गरीब, दलित, ओबीसी, ईबीसी और वंचित तबकों को सम्मान के साथ जोड़ें और मजबूती से आगे बढ़ें।” उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि पार्टी को बिहार में जिस स्तर पर सक्रिय होना चाहिए था, वह नहीं हो सकी, लेकिन अब “बिना रुके और पूरी शक्ति के साथ” काम किया जाएगा।
हालांकि, कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच खुलेआम हुई यह झड़प पार्टी की एकता और अनुशासन पर गंभीर सवाल खड़े करती है—खासकर ऐसे समय में बिहार चुनाव पास में है।
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