BIMSTEC सम्मेलन: तनावपूर्ण संबंधों के बीच पीएम मोदी और मोहम्मद यूनुस की पहली मुलाकात!

बांग्लादेश में विपक्षी दलों ने भी आगामी आम चुनाव समय पर कराने की मांग की है। जबकि यूनुस सरकार चुनावों के लिए किसी भी स्थिती में प्रतिबद्ध नहीं दिख रही है।

BIMSTEC सम्मेलन: तनावपूर्ण संबंधों के बीच पीएम मोदी और मोहम्मद यूनुस की पहली मुलाकात!

BIMSTEC Conference: First meeting of PM Modi and Mohammad Yunus amid tense relations!

भारत और बांग्लादेश के बीच लंबे समय से चले आ रहे तनावपूर्ण रिश्तों के बीच शुक्रवार(4अप्रैल) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख सलाहकार  मोहम्मद यूनुस की बैंकॉक में मुलाकात हुई। यह भेंट छठे बिम्सटेक शिखर सम्मेलन के दौरान हुई, वहीं राजनीतिक गलियारों में इसे संबंधों इसे महत्वपूर्ण डेवलपमेंट के तौर पर देखा जा रहा है।

यह पहली बार है जब शेख हसीना सरकार के तख्तापलट के बाद दोनों देशों के शीर्ष नेता आमने-सामने आए। शेख हसीना की सत्ता से विदाई के बाद से दोनों देशों के रिश्ते असहज बने हुए हैं। बांग्लादेश में हिंदुओ और अल्पसंख्यकों पर इस्लामी कट्टरपंथियों द्वारा हो रहे अंधाधुंद हमलों को लेकर भारत ने कई बार चिंता जताई है, जबकि मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार इस मुद्दे पर कोई ठोस कारवाई करती नहीं दिख रही।

बैठक के बाद यूनुस कार्यालय की ओर से एक्स (पूर्व ट्विटर) पर साझा किए गए एक बयान में कहा गया, “मुख्य सलाहकार प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बैंकॉक में एक द्विपक्षीय बैठक की। यह मुलाकात बिम्सटेक सम्मेलन के मौके पर हुई और विभिन्न द्विपक्षीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा की गई।”

यह मुलाकात ऐसे समय में हुई है जब यूनुस हाल ही में चीन यात्रा से लौटे हैं। उनकी यह यात्रा चीन के प्रति बांग्लादेश के झुकाव के संकेत के रूप में देखी गई, जिससे भारत की रणनीतिक चिंताएं भी बढ़ चुकी हैं। सूत्रों के अनुसार, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने बांग्लादेश को दिए गए ऋणों की शर्तों पर पुनर्विचार का आश्वासन दिया है, जिससे क्षेत्रीय संतुलन प्रभावित हो सकता है।

हालांकि प्रधानमंत्री मोदी की ओर से भी संबंध सुधारने की पहल पहले ही हो चुकी थी। हाल ही में उन्होंने बांग्लादेश के राष्ट्रीय दिवस के मौके पर यूनुस को एक पत्र लिखकर दोनों देशों के बीच साझेदारी को मजबूत करने की प्रतिबद्धता जताई थी। अब इस प्रत्यक्ष भेंट के जरिए कूटनीतिक रिश्तों को नई दिशा देने की कोशिश की गई है।

गौरतलब है कि बांग्लादेश में विपक्षी दलों ने भी आगामी आम चुनाव समय पर कराने की मांग की है। जबकि यूनुस सरकार चुनावों के लिए किसी भी स्थिती में प्रतिबद्ध नहीं दिख रही है।

दरम्यान बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में शामिल अन्य देशों ने भी क्षेत्रीय सहयोग, आपदा प्रबंधन, व्यापार, और सुरक्षा जैसे मुद्दों पर साझा रणनीतियों को लेकर चर्चा की। लेकिन भारत-बांग्लादेश बैठक ने कूटनीतिक दृष्टिकोण से सबसे ज्यादा ध्यान आकर्षित किया। अब निगाहें इस पर टिकी हैं कि क्या यह मुलाकात आने वाले महीनों में ठोस परिणामों में तब्दील होगी या फिर यह सिर्फ औपचारिकता बनकर रह जाएगी।

यह भी पढ़ें:

वक्फ संशोधन विधेयक पारित: जेपीसी चेयरमैन बोले – विपक्ष की तुष्टीकरण नीति हुई बेनकाब

आखिर क्यों LIC ने कहा- “सरकार से नहीं मिलती कोई स्पेशल ट्रीटमेंट”

वक्फ बिल पर मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी का रुख साफ, कहा – सड़क पर न उतरें मुसलमान

Exit mobile version