बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर महागठबंधन की सक्रियता बढ़ने लगी है। इसी कड़ी में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता तेजस्वी यादव द्वारा आज बुलाई गई महागठबंधन की बैठक पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इस राजनीतिक जमावड़े को “चोर-चोर मौसेरे भाई” बताते हुए कहा कि यह समूह एक बार फिर ‘चोरी के इरादे’ से एकत्र हुआ है।
मीडिया से विशेष बातचीत में खंडेलवाल ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार में एनडीए सरकार ने अभूतपूर्व विकास कार्य किए हैं। इनसे घबराकर विपक्षी दल अब एकजुट हो रहे हैं, लेकिन जनता इनका सच जान चुकी है।” उन्होंने दावा किया कि आने वाले विधानसभा चुनावों में एनडीए को पूर्ण बहुमत मिलेगा और महागठबंधन को लोकसभा की तरह फिर मुंह की खानी पड़ेगी।
बिहार में मतदाता सूची संशोधन को लेकर उठे विवाद पर भी खंडेलवाल ने विपक्ष को कटघरे में खड़ा किया। उन्होंने कहा कि “विपक्ष की आदत बन गई है कि जब भी हार होती है, वे चुनाव आयोग, ईवीएम और प्रक्रिया पर सवाल उठाने लगते हैं। सुप्रीम कोर्ट पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि चुनाव आयोग ने विशेष गहन संशोधन (SIR) प्रक्रिया संविधान के दायरे में रहते हुए की है। विपक्ष इसलिए चिंतित है क्योंकि उन्होंने बड़ी संख्या में फर्जी वोटर जोड़ रखे हैं।”
दिल्ली में रामलीला के बेहतर आयोजन को लेकर भी सांसद खंडेलवाल ने मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को पत्र लिखा है। उन्होंने मांग की है कि जिस तरह दिल्ली सरकार ने कांवड़ यात्रा के लिए सुविधाएं दी थीं, उसी तरह रामलीला आयोजकों को भी मैदान मुफ्त में उपलब्ध कराया जाए। उन्होंने बिजली की दरों को लेकर कहा कि अगर मुफ्त न दी जा सके, तो वाणिज्यिक दर के बजाय घरेलू दरें लागू की जाएं। साथ ही रामलीला के लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) बनाने का भी सुझाव दिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा हाल ही में 51,000 रोजगार कार्ड वितरित किए जाने पर खंडेलवाल ने कहा कि “पिछले 11 वर्षों में मोदी सरकार ने सर्वाधिक रोजगार सृजन किया है। मैन्युफैक्चरिंग, सेवा और अन्य क्षेत्रों में नए अवसर खुले हैं। भारत आज दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। यह रोजगार मेला इसी विकासशील भारत की तस्वीर पेश करता है और सरकार की युवाओं के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।”
सांसद खंडेलवाल के इन तीखे बयान और सुझावों के साथ, बिहार और दिल्ली की राजनीति में एक बार फिर नए सियासी रंग चढ़ने लगे हैं। महागठबंधन की रणनीति और भाजपा की प्रतिक्रिया आने वाले दिनों में दोनों ओर से और अधिक तीव्र हो सकती है।
यह भी पढ़ें:
भारत में पहली वैश्विक पांडुलिपि धरोहर सम्मेलन का आयोजन!
पडोसी राज्य में निपाह वायरस की दस्तक से सतर्क हुआ तमिलनाडु !
हरियाणा: अवैध कब्जों पर कार्रवाई के खिलाफ युवाओं के जरिए AAP की राजनीतिक चाल!



