लखनऊ। यूपी विधानसभा चुनाव 2022 अब RSS और BJP का पूरा फोकस सरकार और संगठन के बीच समन्वय स्थापित करना है। BJP के शीर्ष नेताओं का कहना है की हर जिले में अब मंत्रियों की जवाबदेही तय होगी और अगर उसके बाद भी कार्यकर्ताओं की शिकायत आई तो मंत्रियों के खिलाफ भी बड़ा एक्शन लिया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक पिछले दिनों दिल्ली में हुई लंबी बैठकों के बाद अब प्रधानमंत्री मोदी ने खुद ही पहल करते हुए असंतुष्ट और हाशिए पर खड़े नेताओं से बातचीत शुरू कर दी है। संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले, राष्ट्रीय संगठन मंत्री बी एल संतोष, उत्तर प्रदेश BJP के यूपी प्रभारी राधा मोहन सिंह के लखनऊ दौरे के बाद दिल्ली में हुई बैठकों के बाद अब संघ और BJP का शीर्ष नेतृत्व यूपी में ढिलाई बरतने के मूड में नहीं है।
इन सभी नेताओं ने अपनी रिपोर्ट RSS और BJP के शीर्ष नेतृत्व को सौंप दी थी। यूपी में संगठन और सरकार के बीच पैदा हुई खाई को दूर करने की कवायद शुरू कर दी गई है,पार्टी के अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह कहते हैं, मंत्रियों कि यह पहली जिम्मेदारी है कि वह लोगों की समस्याओं के साथ ही साथ कार्यकर्ताओं की परेशानियों का भी निपटारा करें। इससे पार्टी को लोगों से कनेक्टिविटी बनाने में मदद मिलेगी। केंद्र और राज्य की योजनाओं को लोगों तक आसानी से पहुंचाया जा सकता है। हालांकि UP सरकार के एक वरिष्ठ मंत्री ने कहा, संघ और पार्टी की तरफ से ”क्लियर मैसेज” है की अब यदि कार्यकर्ताओं की शिकायत संगठन में उपर तक पहुंची तो मंत्रियों पर कार्रवाई होनी तय है। कार्यकर्ताओं को सरकार और संगठन के बीच ब्रिज के तौर पर इस्तेमाल किया जाएगा।