32 C
Mumbai
Monday, December 8, 2025
होमन्यूज़ अपडेटमुंबई उच्च न्यायलय: लोकल ट्रेनों में लगे ऑटोमैटिक दरवाजे, रोज़ 10 मौतों...

मुंबई उच्च न्यायलय: लोकल ट्रेनों में लगे ऑटोमैटिक दरवाजे, रोज़ 10 मौतों पर जताई चिंता

रेलवे ने घटना के बाद एक मल्टी-डिसिप्लिनरी सेफ्टी कमेटी बनाई है, जो सुरक्षा उपायों पर काम कर रही है।

Google News Follow

Related

बॉम्बे हाईकोर्ट ने मुंबई लोकल ट्रेनों में हो रही मौतों को लेकर गंभीर चिंता जताते हुए मध्य रेलवे को सुझाव दिया है कि वह ट्रेन सुरक्षा के लिए ऑटोमैटिक क्लोज़ डोर सिस्टम पर विचार करे। अदालत ने यह टिप्पणी एक जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान की, जिसमें रोज़ाना लोकल ट्रेन से गिरकर हो रही मौतों को रोका जाए, इस पर ध्यान देने की अपील की गई थी।

न्यायमूर्ति जिरनीश मार्ने ने इस मामले में कहा, “हर दिन औसतन 10 लोग लोकल ट्रेन से गिरकर जान गंवा रहे हैं। यह बहुत ही गंभीर और चिंता की बात है।” यह टिप्पणी उन्होंने 9 जून को ठाणे के पास दिवा और मुंब्रा स्टेशन के बीच हुई दर्दनाक दुर्घटना के संदर्भ में दी, जिसमें चार यात्रियों की मौत हो गई थी और नौ घायल हो गए थे। वायरल वीडियो में ट्रेन से गिरते लोगों की भयावह तस्वीरें सामने आई थीं।

इस हादसे के बाद अदालत ने ट्रेन सुरक्षा को लेकर रेलवे की लचर तैयारियों पर सवाल उठाया और कहा कि ‘हर बार हादसे के बाद जांच कमेटी बना दी जाती है, लेकिन ठोस नतीजे जमीन पर नहीं दिखते।’ अदालत ने रेलवे से कहा कि “Zero Deaths” (शून्य मृत्यु दर) का लक्ष्य सिर्फ स्लोगन बनकर न रह जाए, इसके लिए ठोस कदम उठाए जाएं।

मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति माने की पीठ ने रेलवे से यह भी पूछा कि क्या “मेट्रो की तरह लोकल ट्रेनों में भी ऑटोमैटिक दरवाजे लगाए जा सकते हैं, जिससे यात्रियों की जान सुरक्षित रह सके?”

अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह ने कोर्ट को बताया कि रेलवे ने घटना के बाद एक मल्टी-डिसिप्लिनरी सेफ्टी कमेटी बनाई है, जो सुरक्षा उपायों पर काम कर रही है। इसके अलावा ट्रैक डिवाइडर, भीड़ नियंत्रण, और प्लेटफॉर्म डिज़ाइन में सुधार जैसे उपाय किए जा रहे हैं।

हालांकि, अदालत ने साफ कहा कि “अब सुझावों का दौर नहीं, बल्कि ठोस कार्रवाई का वक्त है।” अदालत ने याचिकाकर्ता को निर्देश दिया है कि वह अपनी सिफारिशें सुरक्षा समिति को दे, और रेलवे से कहा है कि अगली सुनवाई तक कमेटी की संरचना और एक्शन प्लान अदालत में पेश किया जाए। अगली सुनवाई 14 जुलाई को होगी, जिसमें अदालत रेलवे से पूछेगी कि कितनी जानें बचाने की दिशा में वास्तव में कितनी प्रगति हुई है।

मुंबई की जीवनरेखा कही जाने वाली लोकल ट्रेनों में हर दिन लाखों यात्री सफर करते हैं, लेकिन भीड़, पुराने डिब्बे और खुली दरवाजों के कारण यह सफर कई लोगों के लिए खतरनाक साबित होता है। दरम्यान महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस यह पहली ही घोषित कर चुके है की जल्द ही मुंबई लोकल के लिए ऑटोमैटिक क्लोज डोअर सिस्टम होने जा रहा है।

यह भी पढ़ें:

ओडिशा आने के लिए ठुकराया ट्रंप का न्योता : पीएम मोदी

सुकांत मजूमदार पर महेशतला में हमला, लोकसभा अध्यक्ष को लिखा पत्र!

झारखंड में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की तैयारियां पूरी, मंत्री से लेकर स्कूली छात्र तक लेंगे भाग

National Stock Exchange

लेखक से अधिक

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

Star Housing Finance Limited

हमें फॉलो करें

151,706फैंसलाइक करें
526फॉलोवरफॉलो करें
284,000सब्सक्राइबर्ससब्सक्राइब करें

अन्य लेटेस्ट खबरें