बॉम्बे हाई कोर्ट ने निर्देश दिया है कि अगर जमानत पर तत्काल सुनवाई की जरूरत है तो पहले हमें समझाएं कि वह वाकई बीमार है। नहीं तो आपको इंतजार करना होगा क्योंकि आपके सामने आए कई मामले अभी भी लंबित हैं, जस्टिस मकरंद कार्णिक ने मंगलवार को स्पष्ट रुख व्यक्त किया।
ईडी की ओर से नवाब मलिक की जमानत याचिका का एएसजी अनिल सिंह ने कड़ा विरोध किया। यह दावा किया गया है कि मलिक पीएमएलए अधिनियम की धारा 45 के प्रावधानों के तहत बीमार नहीं हैं। इस पर हाईकोर्ट ने नवाब मलिक की जमानत पर सुनवाई एक हफ्ते के लिए स्थगित कर दी और दोनों पक्षों के वकीलों को निर्देश दिया कि 21 फरवरी को होने वाली सुनवाई में सिर्फ मलिक के स्वास्थ्य पर बहस करें|
नवाब मलिक पिछले कई महीनों से कुर्ला के कृति केयर अस्पताल में भर्ती हैं| लेकिन उसने हाईकोर्ट को सूचित किया कि वह किडनी ट्रांसप्लांट के लिए दूसरे बड़े अस्पताल में इलाज शुरू करना चाहता है। साथ ही जस्टिस कार्णिक ने भी इसी तर्ज पर अनिल देशमुख को जमानत देने का सबूत दिया|
बंबई सत्र न्यायालय के निर्देश के अनुसार मलिक से सरकारी वकील की पूछताछ पूरी हो चुकी है और रिपोर्ट अदालत में लंबित है, और विशेष अदालत में भी जल्द ही इस पर सुनवाई होने की उम्मीद है| बॉम्बे सत्र न्यायालय की विशेष अदालत द्वारा हाल ही में मलिक के आवेदन को खारिज करने के बाद, उस फैसले को मलिक ने बॉम्बे उच्च न्यायालय में चुनौती दी है। मंगलवार को जस्टिस मकरंद कार्णिक के सामने इसकी सुनवाई हुई| वित्तीय हेराफेरी के मामले में कार्रवाई कर मलिक को 23 फरवरी को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया गया था।
यह भी पढ़ें-
बीबीसी पर आईटी की कार्रवाई: कांग्रेस ने सरकार पर लगाए गंभीर आरोप!