Budget 2024 Tax Slab: ​क्या कर्मचारियों को मिलेगी टैक्स स्लैब में बड़ी राहत? पुरानी टैक्स व्यवस्था से भी फायदा?

इस बजट में कई प्रावधान और राहत भरी घोषणाएं और योजनाएं होने की संभावना है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि पुरानी कर व्यवस्था में ज्यादा फायदे होंगे और नई कर व्यवस्था आकर्षक होगी|

Budget 2024 Tax Slab: ​क्या कर्मचारियों को मिलेगी टैक्स स्लैब में बड़ी राहत? पुरानी टैक्स व्यवस्था से भी फायदा?

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Budget 2024 Tax Slab ​​वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करना शुरू कर दिया है|यह मोदी 3.0 सरकार का पहला बजट है|इस बजट में कई प्रावधान और राहत भरी घोषणाएं और योजनाएं होने की संभावना है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि पुरानी कर व्यवस्था में ज्यादा फायदे होंगे और नई कर व्यवस्था आकर्षक होगी|

​​टैक्स स्लैब बेसिक छूट 5 लाख तक?: ऐसी संभावना है कि बेसिक टैक्स टैक्स छूट को 5 लाख तक बढ़ाया जा सकता है​|​अगर ऐसा हुआ तो इससे करोड़ों करदाताओं को फायदा होगा​|​मनी कंट्रोल ने जानकारी दी थी कि वह टैक्स पॉलिसी में अहम बदलाव करने के लिए तैयार है​|​ उसके बाद यह संभावना जताई गई है​|​इस टैक्स स्लैब पर क्या है निर्मला सीतारमण का रुख? इसने देश का ध्यान खींचा है​|​

​​मूल कर छूट सीमा क्या है?: मूल कर कर छूट सीमा का अर्थ है कि यदि किसी व्यक्ति की वार्षिक आय उस राशि तक है तो उसे कोई आयकर नहीं देना होगा। पुराने टैक्स सिस्टम में यह सीमा 2.5 लाख रुपये है और नए टैक्स सिस्टम में यह सीमा 3 लाख रुपये है​|​ अगर इस सीमा को बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया जाए तो इससे करोड़ों करदाताओं को फायदा होगा​|​ विशेषज्ञों का अनुमान है कि मजदूर वर्ग को खुश करने के लिए यह कदम उठाया जा सकता है​|​

​​अगर बेसिक टैक्स टैक्स छूट सीमा में बढ़ोतरी होती है तो करदाताओं को राहत मिलेगी​|​ क्योंकि इससे कई लोगों की टैक्स योग्य आय कम हो जाएगी​|​ उच्च आयकर स्लैब वाले लोगों को भी इसका लाभ मिल सकता है, जैसा कि अंतरिम बजट में वादा किया गया था​|​

यह बजट 9 घटकों पर केंद्रित होगा​: 1. कृषि क्षेत्र में उत्पादकता​, 2. रोजगार एवं कौशल विकास​, 3. मानव संसाधन विकास और सामाजिक न्याय​, 4. उत्पाद और सेवाएं​, 5. शहरी विकास​, 6. उर्जा संरक्षण​, 7. आधारभूत संरचना​, 8. अनुसंधान और विकास​, 9. नई पीढ़ी में सुधार​|

​​इस पर निर्मला सीतारमण ने टिप्पणी की है​|​मोदी सरकार ने बुनियादी ढांचे के विकास पर जोर दिया है​|​इसकी संभावित लागत 11.1 लाख करोड़ रुपये है​|​पिछले साल के बजट की तुलना में यह खर्च बढ़ा है​|​यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि इस समय किस बुनियादी ढांचे को वित्त पोषित किया जाएगा।निर्मला सीतारमण ने संकेत दिया है कि बजट में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों को बढ़ावा देने के लिए केंद्रीय बजट प्रावधान है। वास्तव में वह क्या है? इसने देश का ध्यान भी खींचा है​|​

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