बजट 2025-26: बाजार का हाल, ट्रम्प के ख्याल और ट्रेड वॉर का जाल!

सेंसेक्स करीब 1,400 अंकों की उछाल पर रहा वही निफ़्टी में भी करीब 24,000 अंकों की छलांग मारी| 

बजट 2025-26: बाजार का हाल, ट्रम्प के ख्याल और ट्रेड वॉर का जाल!

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पिछले कुछ दिनों से निवेश बाजार में लगतार अस्थिरता देखने को मिल रही है, जहा पूँजी निवेशक और स्टॉक मार्किट के विशेषज्ञ आम तौर पर अपनी प्रतिक्रिएं स्पष्ट रूप से दे पा रहे थे वही पिछले कुछ दिनों से उनके बोल भी डगमगाए से दिख रहे हैं| इस हिचकिचाहट के कई कारण हो सकते हैं लेकिन प्रमुख रूप से भारत के वित्तीय वर्ष की नीतियां और अमेरिका में बैठी ट्रम्प की सरकार का योगदान है|
जनवरी में पदभार ग्रहण करने से लेकर अब तक राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प ने कई ऐसे महत्वपूर्ण कदम उठाये हैं जिससे दुनिया भर के निवेश बाजार पर काफी प्रभाव पड़ा है,लेकिन अब मार्केट की हालत धीरे धीरे सुधरती नज़र आ रही है| ट्रम्प के टेरिफ पर रोक लगाने से शेयर बाजार में बढ़ोतरी देखने को मिली है| शनिवार को भारतीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण के बजट पेश करते ही स्टॉक बाजार में उछाल देखें को मिला रियल एस्टेट, एनर्जी, बैंकिंग जैसे सेक्टर्स में काफी मुनाफा हुआ|
इस बार शेयर बाजार उभर पता की ट्रम्प की सरकार ने कनाडा मेक्सिको और चीन पर लगने जा रहे टेरिफ पर अभी रोक लगा दी है जिससे आज स्टॉक मार्किट में काफी तेज़ी  हुई| सेंसेक्स करीब 1,400 अंकों की उछाल पर रहा वही निफ़्टी में भी करीब 24,000 अंकों की छलांग मारी|
मोटे तौर पर मार्किट का हाल आज काफी अच्छा रहा साथ ही कई कंपनियों के शेयर भी आज बढ़त करते दिखाई दिए जिनमे सबसे ज़्यादा चमके अडानी और टाटा ग्रुप के शेयर. सोमवार के लोक सभा के अपने सम्बोधन में नेता प्रतिपक्ष ने जिन कंपनियों के डूबने और अपनी क्षमता के अनुरूप काम न कार्प आने का आरोप सरकार पर लगाया था आज वही कंपनियां शेयर बाजार में सबसे ज़्यादा बढ़त करती दिखाई दी| इसके अलावा पेट्रोलियम सेक्टर की भी कंपनियों में आज काफी सुधर देखने को मिला और पब्लिक सेक्टर की कंपनियां भी चमकती नज़र आयी|
रूपए को लेकर लोगो में अभी चिंता जारी है जिसका असर आज के बाजार के हालत पर भी दखाई दिया| अमेरिका और चीन की बढ़ती मुश्किलों और अमेरिका के अभूतपूर्व निर्णयों की वजह से रूपर और डॉलर के बीच काफी दूरियां देखने को मिली| बढ़ोतरी होने के बाद भी लोगो में अटकले लगायी जा रही हैं कि यह एक अस्थायी परिणाम है| आने वाले कुछ दिनों में बाजार का हाल होता है वो इस साल से लागु होने वाली टैक्स नीतियां और भारत और अमेरिका के संबंधों पर काफी निर्भर करेगा|
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