दिल्ली विधानसभा चुनाव की सरगर्मियों के बीच संसद का बजट सत्र आज से आरंभ हो गया। इस दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा की संयुक्त बैठक को संबोधित किया। राष्ट्रपति ने सांसदों को संबोधित करते हुए देश को विकसित भारत का संदेश दिया। इसके साथ ही उन्होंने प्रयागराज महाकुंभ में हुए हादसे पर दुख जताया। इसके साथ ही राष्ट्रपति ने पूर्व पीएम मनमोहन सिंह को भी श्रद्धांजलि दी।
अपने अभिभाषण में राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि संसद की इस बैठक को संबोधित करते हुए मुझे हार्दिक प्रसन्नता हो रही है। अभी दो माह पहले हमने संविधान को अपनाने की 75वीं वर्षगांठ मनाई है | इस अमृतकाल को आज मेरी सरकार अभूतपूर्व उपलब्धियों के माध्यम से नई ऊर्जा दे रही है। तीसरे कार्यकाल में तीन गुना तेज गति से काम हो रहा है। आज देश बड़े निर्णयों और नीतियों को असाधारण गति से लागू होते देख रहा है।
राष्ट्रपति ने कहा कि पीएम आवास योजना का विस्तार करते हुए तीन करोड़ अतिरिक्त परिवारों को नए घर देने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए पांच लाख 36 हजार करोड़ रुपये खर्च किए जाने की योजना है। जनजातीय समाज के पांच करोड़ लोगों के लिए धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान प्रारंभ हुआ है। इन्हें हर वर्ष पांच लाख रुपये का हेल्थ कवर मिलेगा।
उन्होंने कहा कि मेरी सरकार महिलाओं के नेतृत्व में देश को सशक्त बनाने में, यानी महिला के नेतृत्व वाले विकास में विश्वास करती है। नारी शक्ति वंदन अधिनियम के द्वारा लोक सभा और विधान सभाओं में महिलाओं के लिए आरक्षण इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत 91 लाख से अधिक स्वयं सहायता समूहों को सशक्त किया जा रहा है। देश की 10 करोड़ से भी अधिक महिलाओं को इसके साथ जोड़ा गया है।
वही दूसरी ओर कृषि सखियां नेचुरल फार्मिंग को बढ़ावा दे रही हैं और पशु सखियों के माध्यम से हमारा पशुधन मजबूत हो रहा है। ड्रोन दीदी योजना महिलाओं के आर्थिक और तकनीकी सशक्तिकरण का माध्यम बनी है। आज हमारा युवा स्टार्टअप्स, स्पोर्ट्स से लेकर स्पेस तक हर फ़ील्ड में देश का नाम रोशन कर रहा है। माय भारत पोर्टल के जरिये लाखों युवा राष्ट्र निर्माण के कार्यों से जुड़ रहे हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि मेरी सरकार राष्ट्रीय शिक्षा नीति के माध्यम से विद्यार्थियों के लिए आधुनिक शिक्षा व्यवस्था तैयार कर रही है। कोई भी शिक्षा से वंचित ना रहे, इसीलिए मातृ भाषा में शिक्षा के अवसर दिए जा रहे हैं। विभिन्न भर्ती परीक्षाएं 13 भारतीय भाषाओं में आयोजित कर, भाषा संबंधी बाधाओं को भी दूर किया गया है।
राष्ट्रपति ने कहा, ‘आर्टीफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में भारत के योगदान को आगे बढ़ाते हुए ‘इंडिया एआई मिशन’ प्रारम्भ किया गया है। राष्ट्रीय क्वांटम मिशन से भारत, इस फ्रंटियर टेक्नॉलाजी में दुनिया के अग्रणी देशों की पंक्ति में स्थान बना सकेगा।’
राष्ट्रपति ने कहा कि तेजी से डिजिटाइज होते हमारे समाज में आज राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा एक और महत्वपूर्ण विषय साइबर सिक्योरिटी है। डिजिटल फ्रॉड, साइबर-क्राइम और डीप फेक जैसी टेक्नॉलाजी सामाजिक, आर्थिक और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए चुनौती भी बनी है। इन साइबर क्राइम को नियंत्रित करने के लिए कई कदम उठाए गए है। साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में भी युवाओं के लिए रोजगार की संभावनाएं हैं।
उन्होंने कहा कि उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक परियोजना के तहत चेनाब ब्रिज का निर्माण हुआ है जो विश्व का सबसे ऊंचा रेल ब्रिज है। भारत का मेट्रो नेटवर्क अब एक हजार किलोमीटर के माइलस्टोन को पार कर चुका है। भारत अब मेट्रो नेटवर्क के मामले में दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा देश बन गया है।
उन्होंने कहा कि कुछ सप्ताह पूर्व ही भारत मौसम विज्ञान विभाग के 150 साल पूरे हुए हैं। वेदर रेडी और क्लाइमेट स्मार्ट भारत के लिए मेरी सरकार ने दो हजार करोड़ रुपये की लागत से “मिशन मौसम” प्रारम्भ किया है, जिसका लाभ हमारे किसानों को भी मिलेगा।
राष्ट्रपति ने कहा, वर्ष 2025 को अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है, जिसमें भारत अपना महत्वपूर्ण योगदान देगा।’ उन्होंने कहा कि आजादी के दशकों बाद भी हमारे जिस जनजातीय एवं आदिवासी समाज की उपेक्षा होती रही, मेरी सरकार ने उसके कल्याण को पहली प्राथमिकता दी है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने विशेष राष्ट्रीय मिशन चलाकर आदिवासी समुदाय की सिकल सेल से जुड़ी स्वास्थ्य समस्याओं पर भी ध्यान दिया जा रहा है। इस मिशन के अंतर्गत लगभग पाँच करोड़ व्यक्तियों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है।
उन्होंने कहा कि पूरा देश नॉर्थ ईस्ट के आठ राज्यों की संभावनाओं को देख सके, इस दिशा में पहले अष्टलक्ष्मी महोत्सव का आयोजन किया गया। पूर्वोत्तर के विकास के साथ-साथ सरकार ने देश के पूर्वोदय यानि पूर्वी राज्यों के सर्वांगीण विकास की कार्य-योजना पर काम शुरू कर दिया है जिससे रोजगार के नए अवसर भी उपलब्ध होंगे। पीएम सूरज योजना का विस्तार किया गया है। सरकारी योजनाओं का लाभदिव्यांग जनों तक पहुंचाने के लिए एक करोड़ से अधिक दिव्यांग पहचान पत्र जारी किये गए हैं।
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