“मै आरक्षण के खिलाफ”, PM Modi ने नेहरू की चिट्टी पढ़ राहुल को घेरा   

जवाहर लाल नेहरू ने मुख्यमंत्रियों को लिखी गई चिट्ठियों कहा था कि वे किसी को भी आरक्षण देने के पक्ष नहीं हैं ।

पीएम नरेंद्र मोदी ने बुधवार को राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा का जवाब दिया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बताया था कि देश में पहली बार क्या क्या हुआ था। पीएम मोदी ने इस दौरान कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का विशेष आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि मैंने उन्हें ध्यान से सुन रहा था। मै सोच रहा था कि उन्हें इतना बोलने की आजादी कैसे मिली। दो स्पेशल कमांडर उस समय नहीं थे, इसलिए खड़गे जी उसका फ़ायदा उठाया।

पीएम मोदी ने इस दौरान भारत जोड़ो न्याय यात्रा में राहुल गांधी द्वारा पिछड़ी जाति को लेकर किये जा रहे हमले को लेकर उन्होंने जोरदार हमला किया। पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस इन दिनों जाति को लेकर खूब बात कर रही है। उन्होंने सवाल पूछने वाले अंदाज में कहा कि आज इन्हें इसकी क्यों जरूरत पड़ गई। मै नहीं जानता, पर उन्हें पहले अपने गिरेबान में झांकना चाहिए। पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस पिछड़े,दलितों और आदिवासियों की जन्मजात विरोधी रही है।

उन्होंने कहा कि, मै सोचता हूं कि अगर बाबासाहेब नहीं होते तो एससी / एसटी को आरक्षण  मिलता की नहीं मिलता। उन्होंने कहा कि मेरे पास इसका प्रमाण है ,मै बिना प्रमाण के नहीं बोलता। पीएम मोदी ने जवाहर लाल नेहरू की मुख्यमंत्रियों को लिखी गई चिट्ठियों का जिक्र किया। उन्होंने नेहरू की चिट्टी को कोट करते हुए कहा कि उसमें क्या लिखा है। आप भीं सुने ” मै किसी भी आरक्षण को पसंद नहीं करता और खासकर नौकरी में आरक्षण तो कतई नहीं। मै ऐसे किसी भी कदम के खिलाफ हूं, जो अकुशलता को बढ़ावा दे, जो दोयम दर्जे की ओर ले जाए। उन्होंने राहुल गांधी का बिना नाम लिए कहा कि उस समय सरकार में भर्ती हुई होती तो वे प्रमोशन करते हुए आगे बढ़ते आज यहां तक पहुंचे होते।

पीएम मोदी ने इस दौरान कांग्रेस के जम्मू कश्मीर के स्टैंड जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर में कांग्रेस ने सात दशकों तक उनके अधिकारों से वंचित किया। धारा 370 को निरस्त करने के बाद उन्हें उनका अधिकार मिला। पीएम मोदी ने कहा कि एससी समुदाय में सबसे अधिक वाल्मीकि समुदाय पीड़ित रहा है। उन्होंने कहा कि वे सात दशक तक जम्मू कश्मीर के लोगों की सेवायें करते रहे, लेकिन उन्हें स्थनीय मूल निवास का अधिकार नहीं दिया गया। पीएम ने बताया कि स्थानीय निकायों में पिछड़ा वर्ग का आरक्षणविधेयक लोकसभा में पारित हो गया है।

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