कहा जा रहा है कि उनकी पहचान में यह तब्दीली यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के चलते हुई है, जिन्हें बुलडोजर बाबा कहा जा रहा है। यही नहीं यूपी में विधानसभा चुनाव के नतीजों में योगी आदित्यनाथ को मिली सफलता के बाद शिवराज सिंह चौहान और भी आक्रामक नजर आ रहे हैं।
माना जा रहा है कि योगी की सफलता से शिवराज सिंह चौहान प्रेरित हुए हैं और वे अब लोकप्रिय से ज्यादा मजबूत सीएम के तौर पर अपनी छवि बनाने को उत्सुक हैं। इससे पहले उनकी इमेज कल्याणकारी योजनाओं को लागू करने और प्रदेश के लोगों की चिंता करने वाले नेता की छवि थी और इसी के चलते उन्हें ‘मामा’ का टैग मिला था।
मध्य प्रदेश की राजनीति की समझ रखने वालों का कहना है कि शिवराज सिंह चौहान को 2018 के विधानसभा चुनाव में मामूली अंतर से सत्ता गंवानी पड़ी थी। ऐसे में वह बेहद सतर्क हैं और अपनी इमेज को इतना मजबूत करना चाहते हैं कि फिर से पूर्ण बहुमत से सत्ता हासिल करें।
अटल बिहारी वाजपेयी के दौर के नेता शिवराज सिंह चौहान अकेले ऐसे मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं, जो लंबे समय से टिके हुए हैं और मोदी-शाह के दौर में भी अपनी जगह बचाने में कामयाब रहे हैं। लेकिन अब वे हाईकमान के समक्ष वे अपनी छवि को नए सिरे से गढ़ने की कोशिश कर रहे हैं ताकि नया नैरेटिव स्थापित करें और एक बार फिर से अपने दम पर जीत हासिल करें।
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