केंद्र सरकार ने स्वर्ण मुद्रीकरण की दीर्घकालिक जमा योजना को किया बंद!

बैंक अपनी व्यावसायिक आवश्यकताओं के अनुसार अल्पकालिक स्वर्ण बैंक जमा को जारी रख सकते हैं और इसके लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के दिशानिर्देशों का पालन करना होगा।

केंद्र सरकार ने स्वर्ण मुद्रीकरण की दीर्घकालिक जमा योजना को किया बंद!

Central government closed the long term deposit scheme of gold monetization!

केंद्र सरकार ने स्वर्ण मुद्रीकरण योजना (GMS) के मध्यम और दीर्घकालिक सरकारी जमा (MLTGD) को 26 मार्च से बंद करने का फैसला किया है। हालांकि, 1 से 3 वर्ष की अल्पकालिक स्वर्ण बैंक जमा योजनाएं जारी रहेंगी। वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि योजना के प्रदर्शन की समीक्षा और बाजार की परिस्थितियों को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। सरकार के अनुसार, इस योजना के तहत अब तक करीब 31,164 किलोग्राम सोना जमा किया जा चुका है।

नए फैसले के तहत, 26 मार्च 2025 के बाद से बैंक शाखाओं, स्वीकृत कलेक्शन एवं प्योरिटी टेस्टिंग सेंटर (CPTC) और GMS मोबिलाइजेशन कलेक्शन एंड टेस्टिंग एजेंसियों (GMCTA) में MLTGD के तहत सोना स्वीकार नहीं किया जाएगा। हालांकि, मौजूदा मध्यम और दीर्घकालिक जमा उनकी तय अवधि तक जारी रहेंगे और नियमों के अनुसार रिडीम किए जाएंगे।

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सरकार द्वारा 2015 में शुरू की गई स्वर्ण मुद्रीकरण योजना का उद्देश्य देश में संग्रहित निष्क्रिय सोने को उत्पादक उद्देश्यों के लिए उपयोग में लाना और सोने के आयात पर निर्भरता को कम करना था। इस योजना के तहत तीन प्रकार के जमा शामिल थे—1-3 वर्ष के लिए अल्पकालिक बैंक जमा (STBD), 5-7 वर्ष के लिए मध्यम अवधि सरकारी जमा (MTGD) और 12-15 वर्ष के लिए दीर्घकालिक सरकारी जमा (LTGD)।

सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि बैंक अपनी व्यावसायिक आवश्यकताओं के अनुसार अल्पकालिक स्वर्ण बैंक जमा को जारी रख सकते हैं और इसके लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के दिशानिर्देशों का पालन करना होगा।

विशेषज्ञों के अनुसार, वैश्विक अनिश्चितता के कारण सोने की मांग लगातार बढ़ रही है और 2025 में अब तक यह 16 बार रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच चुका है। चार बार यह 3,000 डॉलर प्रति औंस के स्तर को पार कर चुका है, जिससे इसकी सुरक्षित संपत्ति के रूप में लोकप्रियता और बढ़ी है।

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