कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदंबरम द्वारा ‘इंडिया’ गठबंधन को कमजोर बताने के बयान ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। चिदंबरम के वक्तव्य के बाद भाजपा नेताओं ने विपक्षी गठबंधन पर निशाना साधना शुरू कर दिया है। इसी क्रम में भाजपा के वरिष्ठ नेता और भाजपा केरल के अध्यक्ष राजीव चंद्रशेखर ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कांग्रेस और भाजपा के बीच मूलभूत अंतर को रेखांकित किया।
राजीव चंद्रशेखर ने लिखा, “भाजपा एक मजबूत पार्टी है क्योंकि यह इंडियाफर्स्ट के मजबूत मूल्यों/सिद्धांतों में विश्वास करती है और सभी भारतीयों की परवाह करती है – और इसलिए इसे अधिकांश भारतीयों का समर्थन प्राप्त है। इंडी गठबंधन पार्टियों का एक मिश्रित समूह है – जो केवल भ्रष्टाचार और शोषण के प्रति प्रेम और पीएम नरेंद्र मोदी के प्रति भय/घृणा के कारण एक साथ आए हैं।”
इस प्रतिक्रिया की पृष्ठभूमि चिदंबरम का वह बयान है, जो उन्होंने पुस्तक ‘कंटेस्टिंग डेमोक्रेटिक डेफिसिट’ के विमोचन कार्यक्रम के दौरान दिया था। कार्यक्रम में उन्होंने कहा, “इंडिया गठबंधन का भविष्य उज्ज्वल नहीं दिखता है।” चिदंबरम के इस बयान को गठबंधन की एकता पर सवाल के तौर पर देखा जा रहा है।
उन्होंने मंच से यह भी कहा, “यह ब्लॉक सीम से फटा हुआ यानी बिखरता हुआ दिखाई दे रहा है… भविष्य (इंडिया ब्लॉक का) उतना उज्ज्वल नहीं है, जैसा मृत्युंजय सिंह यादव ने कहा, उन्हें लगता है कि गठबंधन अब भी बरकरार है, लेकिन इसको लेकर मैं आश्वस्त नहीं हूं। इसका जवाब केवल सलमान खुर्शीद दे सकते हैं क्योंकि वह ‘इंडिया’ गठबंधन के लिए बातचीत करने वाली टीम का अंग थे। अगर गठबंधन पूरी तरह से बरकरार है, तो मुझे बहुत खुशी होगी। लेकिन पता चलता है कि यह कमजोर पड़ गया है।”
Even Congress veteran P. Chidambaram now doubts the future of the Congress, questions the shaky INDI alliance, and admits BJP is a strong, united force.
Will the Congress high command now attack him too for saying what the whole country already knows? pic.twitter.com/kOljxHc2PM
— Shanthi Kumar (@BJPShanthikumar) May 16, 2025
चिदंबरम ने भारतीय जनता पार्टी को “दुर्जेय मशीनरी” बताते हुए कहा कि भाजपा केवल एक राजनीतिक दल नहीं है, बल्कि यह “एक मशीन के पीछे लगी एक और मशीन” है, जो देश की संस्थाओं पर व्यापक नियंत्रण रखती है। उन्होंने स्वीकार किया कि भाजपा जितना सशक्त रूप से संगठित राजनीतिक दल भारत में और कोई नहीं है।
उनके इस बयान ने न केवल विपक्ष की एकता पर सवाल खड़े कर दिए हैं, बल्कि आगामी चुनावों के परिप्रेक्ष्य में राजनीतिक समीकरणों को भी नए सिरे से सोचने पर मजबूर कर दिया है।
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