गिरीश महाजन ​​ने​​ क्यों नहीं उठाया फोन ? ; जारांगे पाटिल ने कहा, वह कायम हैं भूख हड़ताल पर!

ग्रामीण विकास मंत्री गिरीश महाजन ने मंगलवार को मनोज जारांगे पाटिल को फोन किया| हालांकि कहा गया कि जारांगे पाटिल ने महाजन का फोन नहीं उठाया|इस बात को खुद मनोज जारांगे पाटिल ने बताया है|साथ ही उन्होंने कहा कि वह भूख हड़ताल पर कायम हैं|

गिरीश महाजन ​​ने​​ क्यों नहीं उठाया फोन ? ; जारांगे पाटिल ने कहा, वह कायम हैं भूख हड़ताल पर!

Why did Girish Mahajan not pick up the phone? Manoj Jarange said, "They just..."

मराठा आरक्षण मुद्दे को सुलझाने के लिए मनोज जारांगे पाटिल द्वारा राज्य सरकार को दी गई 40 दिन की समय सीमा 24 अक्टूबर,2023 को समाप्त हो गई है। इसलिए जारांगे पाटिल ने अब राज्य सरकार को विरोध करने की चेतावनी दी है| इस बीच, ग्रामीण विकास मंत्री गिरीश महाजन ने मंगलवार को मनोज जारांगे पाटिल को फोन किया| हालांकि कहा गया कि जारांगे पाटिल ने महाजन का फोन नहीं उठाया|इस बात को खुद मनोज जारांगे पाटिल ने बताया है|साथ ही उन्होंने कहा कि वह भूख हड़ताल पर कायम हैं|

कुछ देर पहले मनोज जारांगे ने मीडिया से बातचीत की| इस समय मनोज जारांगे ने कहा, मैं अपने आंदोलन के फैसले पर कायम हूं| कुछ देर बाद मैं प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपना पक्ष रखूंगा और आंदोलन की आगे की दिशा के बारे में भी सभी को बताऊंगा| मराठा समुदाय शांतिपूर्वक विरोध करेगा, लेकिन, उस आंदोलन में सरकार नहीं आएगी|

इसी बीच जरांगे पाटिल से पूछा गया कि आपने गिरीश महाजन का फोन क्यों नहीं उठाया? मनोज जरांगे ने कहा कि उनके पास आरक्षण को लेकर न तो कोई पत्र होगा और न ही सरकार की ओर से कोई जीआर (अधिसूचना) जारी होगी| साथ ही उस वक्त मेरा फोन एक दोस्त के पास था| मैं लोगों के बीच था| बाद में एक दोस्त के कहने पर मैंने गिरीश महाजन को दोबारा फोन किया,लेकिन, उन्होंने न तो फोन उठाया और न ही वापस कॉल किया।

मनोज जारांगे ने कहा, मैं मंगलवार को पूरे दिन कार्यक्रम में था| उन्हें (महाजन को) क्या मिलने वाला है? बस बात करनी है| क्या वे इसलिए बताने जा रहे हैं क्योंकि सरकार ने एक अधिसूचना जारी की है? क्या आप यह कहने जा रहे हैं कि कानून पारित हो गया है? यदि हां, तो उन्हें बताएं, तुरंत फोन उठाएं या उन्हें कॉल करें।

जारांगे पाटिल ने कहा, राज्य सरकार को मराठों को आरक्षण देना चाहिए जो अदालत में टिकेगा| मराठा समुदाय को उसी तरह आरक्षण दिया जाना चाहिए जैसे अन्य समुदायों को दिया गया है। मराठा समुदाय आरक्षण की सभी कसौटियों पर खरा उतरता है| इसलिए लगातार कानून का हवाला देकर बचना किसी के लिए भी सही नहीं है| मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को मराठा समुदाय को आरक्षण देकर हमारा सम्मान करना चाहिए। क्योंकि मराठा समुदाय में यह भावना है कि मुख्यमंत्री अपनी बात के पक्के हैं| इसलिए मुख्यमंत्री शिंदे द्वारा दिये गये वचन को याद रखना चाहिए|उन्हें अब आरक्षण देना चाहिए|
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