मराठा आरक्षण के मुद्दे को लेकर इस समय मुंबई और आसपास के इलाकों में माहौल गर्म है। मनोज जरांगे पाटिल मराठा आरक्षण मार्च को मुंबई के द्वार तक ले आए हैं और शुक्रवार को मुंबई में प्रवेश करेंगे। जहां एक तरफ मुंबई पुलिस ने उन्हें इजाजत देने से इनकार कर दिया, वहीं दूसरी तरफ उन्होंने मांग नहीं माने जाने पर मुंबई आने का संकल्प जताया है| इस पृष्ठभूमि में राज्य सरकार की सटीक भूमिका क्या है? इसे लेकर चर्चा शुरू हो गई है और खुद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इस पर सफाई दी है|
मुख्यमंत्री ने क्या कहा?: जब मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से पत्रकारों ने मनोज जरांगे पाटिल की भूमिका के बारे में पूछा, तो उन्होंने इस मामले पर सरकार की पिछली स्थिति को दोहराया। सरकार मराठा आरक्षण देने जा रही है। सरकार की भूमिका कल भी वही थी और आज भी वही है| मराठा आरक्षण ओबीसी आदि किसी भी अन्य आरक्षण को प्रभावित किए बिना दिया जाएगा। उस संबंध में, पूर्वव्यापी आयोग बड़े पैमाने पर काम कर रहा है। 1 लाख 40 हजार लोग 3 शिफ्ट में काम कर रहे हैं|सर्वे का काम तेजी से चल रहा है,जो कुनबी अभिलेख मिले हैं, उन्हें प्रमाणित किया जा रहा है। विभिन्न योजनाएं देने का काम भी जारी है।
एकनाथ शिंदे की जारांगे पाटिल से अपील: इस बीच इस बार मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मनोज जारांगे पाटिल से अपील की है| मैंने मनोज जारांगे पाटिल से अनुरोध किया है कि सरकार पूरी तरह से सकारात्मक है। सरकार आरक्षण देने के लिए काम कर रही है| विभिन्न लाभ प्रदान करना। मराठा समुदाय को ओबीसी की तरह जो सुविधाएं मिलनी चाहिए वह बिना किसी आश्वासन के मिल रही हैं। इसलिए मैंने मनोज जारांगे से अपील की है कि अगर सरकार सकारात्मक नहीं है तो आंदोलन ठीक है| सरकार सकारात्मक है| इसलिए, सरकार को सहयोग करने की ज़रूरत है, एकनाथ शिंदे ने कहा।
यह भी पढ़ें-
तस्लीमा ने की आलोचना कहा, शोएब मलिक एक दिन सना को भी तलाक दे देंगे “और…”!