चीन, रूस और ईरान ने शुक्रवार को बीजिंग में एक उच्च स्तरीय बैठक के दौरान सभी अवैध और एकतरफा प्रतिबंधों को समाप्त करने की अपील की। बैठक के बाद चीन के उप विदेश मंत्री मा जाओशू ने कहा कि तीनों देशों ने इस बात पर जोर दिया कि प्रतिबंधों और बल प्रयोग की धमकियों को त्यागना आवश्यक है।
मा जाओशू ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 2231 और उसकी समय-सीमा के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि सभी संबंधित पक्षों को तनाव बढ़ाने वाली कार्रवाइयों से बचना चाहिए और कूटनीतिक प्रयासों के लिए अनुकूल परिस्थितियां तैयार करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मौजूदा स्थिति के मूल कारणों को दूर करने के लिए ठोस प्रयास किए जाने चाहिए।
गौरतलब है कि ईरान पर लगाए गए अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध लंबे समय से विवाद का विषय बने हुए हैं। पश्चिमी देशों का आरोप है कि ईरान परमाणु कार्यक्रम के जरिए हथियार विकसित करने की कोशिश कर रहा है, जबकि ईरान इस दावे को खारिज करता आया है।
इस बैठक में तीनों देशों ने वैश्विक स्थिरता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आपसी सहयोग बढ़ाने पर भी सहमति जताई। बैठक का आयोजन चीन ने किया था, जो ईरानी परमाणु मुद्दे के कूटनीतिक समाधान में सक्रिय भूमिका निभाने की कोशिश कर रहा है।
बैठक के दौरान प्रतिनिधियों ने ईरानी परमाणु समझौते (JCPOA) की बहाली और मध्य पूर्व में स्थिरता को लेकर भी चर्चा की। रूस और चीन लंबे समय से अमेरिका और यूरोपीय देशों द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों की आलोचना करते रहे हैं और कूटनीतिक समाधान की वकालत कर रहे हैं। इस बैठक के जरिए चीन, रूस और ईरान ने एक बार फिर वैश्विक मंच पर अपने मजबूत सहयोग का संकेत दिया है और यह संदेश दिया है कि वे किसी भी प्रकार के बाहरी दबाव को स्वीकार नहीं करेंगे।
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