महाराष्ट्र समेत पूरे देश में लोकसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है| लोकसभा चुनाव का पहला चरण 19 अप्रैल को होगा| इस चुनाव के लिए हर राजनीतिक दल ने प्रचार अभियान शुरू कर दिया है|इस बीच महाराष्ट्र के 8 गांवों के ग्रामीणों ने सीधे मतदान का बहिष्कार करने की चेतावनी दी है|
गोंदिया जिले में आमगांव नगर परिषद का प्रश्न पिछले 10 वर्षों से लंबित है| इस संबंध में राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है, लेकिन पिछले कई वर्षों से इस याचिका पर कोई निर्णय नहीं होने के कारण आमगांव के नागरिकों ने आमगांव नगर संघर्ष समिति का गठन कर लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है| इस बहिष्कार के निर्णय को लेकर आज आमगांव के तहसील कार्यालय में बैठक आयोजित की गई|
आमगांव नगर परिषद का मामला लंबित होने से कई नागरिकों को नौकरी नहीं मिल रही है और कई योजनाओं से नागरिक वंचित हैं, ऐसे में यहां के 8 गांवों के नागरिकों ने लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है|इसी क्रम में आज तहसील कार्यालय में बैठक आयोजित की गई। नागरिकों को बहिष्कार नहीं करना चाहिए|आम लोगों का अधिकार है|इस बार प्रशासन ने हमसे अपील की है कि अपने मताधिकार का प्रयोग करें और लोकतंत्र को मजबूत करें।
कुछ नागरिकों ने किया बहिष्कार का विरोध: एक तरफ आमगांव नगर परिषद के अंतर्गत आने वाले 8 गांवों के नागरिक बहिष्कार की योजना बना रहे हैं, लेकिन देखा जा रहा है कि स्थानीय स्तर पर कई पार्टियों के समर्थक इसका विरोध कर रहे हैं| क्योंकि ये सवाल राज्य सरकार से जुड़ा है| कुछ लोगों ने यह रुख अख्तियार कर लिया है कि जब विधानसभा चुनाव होंगे तो हम मिलकर बहिष्कार करेंगे|
तो अब यह देखना अहम होगा कि प्रशासन इस संबंध में क्या फैसला लेता है और नागरिक क्या फैसला लेते हैं| पुलिस प्रशासन ने सिर्फ इतना निर्देश दिया है कि अगर नागरिक मतदान से वंचित रह गये तो उचित कार्रवाई की जायेगी| अब इन आठ गांवों के नागरिकों की क्या भूमिका है? ये देखना अहम होगा|
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