मालवण के राजकोट किले में छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति गिरने के बाद राज्य में राजनीति काफी गरमा गई है| महाविकास अघाड़ी बनाम महायुति की जंग शुरू हो गई है| इस बीच, महा विकास अघाड़ी ने महायुति के खिलाफ ’जोडे मारो’ आंदोलन भी चलाया। इस आंदोलन की आलोचना करते हुए राज्य के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस ने कांग्रेस को लेकर उद्धव ठाकरे से सवाल किया|
उस समय उन्होंने बयान दिया था कि महाराज ने सूरत को नहीं लूटा है| इस बयान को लेकर देवेन्द्र फडनवीस की काफी आलोचना हुई थी| अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 10 साल पहले रायगढ़ में दिया गया एक भाषण वायरल हो रहा है|
नरेंद्र मोदी के वायरल भाषण में क्या कहा गया था?: 10 साल पहले यानी 5 जनवरी 2014 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रायगढ़ में भाषण दिया था| इस भाषण में उन्होंने कहा, ”350 साल पहले 6 जनवरी को छत्रपति शिवाजी महाराज सूरत गए थे| इतिहास ने छत्रपति शिवाजी महाराज के साथ कितना अन्याय किया है। इसमें लिखा था कि सूरत को महाराजा ने लूटा था| औरंगजेब ने सूरत में धन छिपा रखा था, इसलिए छत्रपति शिवाजी महाराज ने सूरत आने का कष्ट किया।
छत्रपति शिवाजी महाराज ने सोचा कि यदि मुझे हिन्दवी स्वराज्य की स्थापना करनी है तो जो धन इन चोरों ने लूटा है, उसे लाकर और उन्हीं के धन से मैं हिन्दवी स्वराज्य की स्थापना करूँगा। स्थानीय लोगों की मदद के बिना यह काम संभव नहीं था| मैं अनुमान लगा सकता हूं कि उस समय सूरत के लोगों ने महाराजा को सूचित किया होगा, लोगों ने महाराजा को रास्ता दिखाया होगा, छत्रपति शिवाजी महाराज और उनके परिवार को आश्रय दिया होगा, आवास और भोजन प्रदान किया होगा।
सूरत के उस समय के लोगों ने महाराजा की मदद की होगी। तब छत्रपति शिवाजी महाराज ने औरंगजेब की संपत्ति जब्त कर ली होगी| अत: सूरत लुटली शब्द का प्रयोग छत्रपति शिवाजी महाराज का घोर अपमान है। यह विकृत इतिहासकारों की देन है”, नरेंद्र मोदी ने कहा।
क्या बोले देवेंद्र फडनवीस?: आजादी के बाद इसी कांग्रेस ने सिखाया कि छत्रपति शिवाजी महाराज ने सूरत को लूटा। छत्रपति शिवराय ने सूरत को नहीं लूटा। इसके विपरीत सूरत के लोगों ने वहां छत्रपति की मूर्ति स्थापित की है। फिर भी कांग्रेस ने सिखाया कि छत्रपति शिवराय ने सूरत को लूटा। क्या कांग्रेस इसके लिए माफी मांगेगी?
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