आदित्यनाथ योगी ने अटल बिहारी इकाना स्टेडियम में शुक्रवार को सीएम पद की दूसरी बार शपथ लेकर इतिहास रच दिया। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने उन्हें शपथ दिलाई। सीएम योगी ने उत्तर प्रदेश में यह कारनामा 37 साल बाद किया है। इस मौके पर 50 हजार से ज्यादा बीजेपी कार्यकर्ता उपस्थित थे। स्टेडियम बीजेपी कार्यकर्ताओं से खचाखच भरा रहा। इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह,मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, उत्तराखंड सीएम पुष्कर सिंह धामी आदि राज्यों के सीएम उपस्थित थे।आदित्यनाथ योगी का सफर बड़ा संघर्षमय रहा है। एक योगी से मुख्यमंत्री का सफर में आदित्यनाथ योगी ने कई पड़ाव पार कर यहां पहुंचे हैं।
आदित्यनाथ योगी उन मुख्यमंत्रियों में शामिल हो गए वहीं जो उत्तर प्रदेश की सत्ता में दूसरी बार सत्ता में वापसी कर चुके हैं। एनडी तिवारी से पहले भी सम्पूर्णानन्द (1957) चंद्रभान गुप्ता (1962) और हेमवती नंदन बहुगुणा (1974) में लगातार दो बार सीएम की कुर्सी संभाल चुके हैं। आदित्यनाथ योगी यह कारनामा करने वाले पांचवें मुख्यमंत्री हैं। हालांकि, चारों पूर्व मुख्यमंत्रियों ने यह कारनामा तब किया था जब उत्तर प्रदेश का विभाजन नहीं हुआ था। इसके अलावा आदित्यनाथ योगी बीजेपी के पहले नेता हैं जो उत्तर प्रदेश में दूसरी बार सत्ता में वापसी किये हैं।
सीएम योगी से पहले राजनाथ सिंह,कल्याण सिंह और रामप्रकाश गुप्ता उत्तर प्रदेश की सीएम की कुर्सी संभाल चुके हैं लेकिन उन्होंने सत्ता दोबारा वापसी नहीं कर पाए। आदित्यनाथ योगी ने एक मिथक तोड़े हैं। सीएम योगी 15 साल बाद विधानसभा सदस्य बनकर सत्ता संभालें हैं। 2017 में सीएम योगी लोकसभा के सदस्य थे। हालांकि, उन्होंने लोकसभा की सदस्यता छोड़ने के बाद विधान परिषद के सदस्य बने थे। ऐसा ही पहले मायावती और अखिलेश यादव करके सीएम सीएम बने थे।
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