केंद्रीय चुनाव आयोग द्वारा शिवसेना पार्टी और शिंदे समूह को चुनाव चिन्ह देने के फैसले के बाद एक बड़ा राजनीतिक आंदोलन शुरू हो गया है। शिंदे की अगुआई वाली शिवसेना द्वारा विधान परिषद के लिए प्रतोद के रूप में अपने विधायक का नाम प्रस्तावित किए जाने के बाद शिंदे गुट ने एक और बड़ा फैसला लिया है। शिवसेना के संसदीय समूह के नेता पद से उद्धव ठाकरे के करीबी संजय राउत को हटाया जाएगा। संजय राउत की जगह लोकसभा सांसद गजानन कीर्तिकर के नाम की सिफारिश की गई है|
शिवसेना-शिंदे गुट के सांसद राहुल शेवाले: चुनाव आयोग के इस फैसले के बाद शिंदे गुट काफी आक्रामक हो गया है। राज्य में विधानमंडल के चल रहे बजट सत्र में ठाकरे गुट के लिए दुविधा पैदा करने का प्रयास किया जा रहा है| चुनाव आयोग के फैसले के बाद शिंदे समूह ने विधायिका और संसद में पार्टी कार्यालयों पर कब्जा कर लिया है।
उद्धव ठाकरे को संकट में डालने के लिए : शिवसेना ने बिप्लव बाजोरिया को परिषद में प्रतोद नियुक्त किया। उद्धव ठाकरे विधान परिषद में विधायक हैं और सदन में प्रतोद का व्हिप अहम होता है| ऐसे में अब जहां चर्चा है कि क्या उद्धव ठाकरे को बिप्लव बाजोरिया का व्हिप मानना पड़ेगा, वहीं शिंदे गुट ने दिल्ली में भी ठाकरे गुट को करारा झटका दिया है|
संसद में शिवसेना पार्टी कार्यालय से उद्धव ठाकरे और आदित्य ठाकरे की तस्वीरें ली गई हैं। इसकी जगह मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और दिवंगत शिवसेना नेता आनंद दीघे की तस्वीरें लगाई गई हैं। उसके बाद ठाकरे गुट को एक और झटका दिया जाएगा|
संजय राउत का नामांकन: शिवसेना शिंदे गुट ने संजय राउत को संसदीय दल का नेता नामित किया है। राउत के स्थान पर गजानन कीर्तिकर को नियुक्त किया गया है। सांसद राहुल शेवाले ने बताया कि संसद की संबंधित कमेटी को पत्र दे दिया गया है| शिंदे गुट के लोकसभा में 13 सांसद हैं।
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