महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने रविवार (23मार्च)को त्र्यंबकेश्वर और नासिक में 2027 के सिंहस्थ कुंभ मेले की तैयारियों का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि कुंभ मेले से पहले सभी विकास कार्य पूरे कर लिए जाएंगे और इसके लिए धन की कोई कमी नहीं होने दी जाएगी।
मुख्यमंत्री ने त्र्यंबकेश्वर मंदिर और आसपास के क्षेत्र के विकास के लिए विशेष योजना तैयार करने की घोषणा की। उन्होंने मंदिर में दर्शन किए और कुशावर्त तीर्थ का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने बताया कि कुंभ मेले के मद्देनजर कॉरिडोर, पार्किंग, शौचालय, मंदिर और तालाबों की मरम्मत जैसे कार्य किए जाएंगे। साथ ही ब्रह्मगिरि क्षेत्र में श्रद्धालुओं के लिए प्राकृतिक रास्ते बनाए जाएंगे।
फडणवीस ने पानी की शुद्धता पर जोर देते हुए कहा कि इसके लिए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) नेटवर्क की योजना बनाई गई है। उन्होंने आश्वासन दिया कि कुंभ मेले से पहले यह सभी काम पूरे कर लिए जाएंगे।
उन्होंने कहा, “कुंभ मेले की तैयारी के लिए बड़ी रकम की जरूरत होगी, लेकिन राज्य सरकार पूरी तरह से धन मुहैया कराएगी। श्रद्धालुओं को बेहतरीन सुविधाएं मिलें, यह हमारी प्राथमिकता है।”मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि उत्तर प्रदेश के कुंभ मेले की तर्ज पर महाराष्ट्र में भी एक विशेष कानून बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि कुंभ मेला प्राधिकरण का गठन किया जाएगा ताकि तैयारियों के लिए मजबूत कानूनी ढांचा तैयार हो सके।
त्र्यंबकेश्वर में संतों ने मुख्यमंत्री से कुंभ मेले की जिम्मेदारी लेने की अपील की, जिस पर फडणवीस ने कहा, “मुख्यमंत्री के तौर पर यह मेरी जिम्मेदारी है। उत्तर प्रदेश की तरह हम भी एक कानून बनाकर कुंभ मेले को व्यवस्थित और भव्य तरीके से आयोजित करेंगे।”
उन्होंने कुशावर्त तीर्थ के पानी की स्थिति पर चिंता जताई और कहा कि विशेषज्ञों से पानी की शुद्धता सुनिश्चित करने के सुझाव लिए गए हैं। उन्होंने भरोसा दिलाया कि सबसे प्रभावी समाधान को लागू कर तुरंत कार्रवाई की जाएगी। प्रेस कॉन्फ्रेंस में फडणवीस ने कई बड़े ऐलान भी किए। उन्होंने केंद्र सरकार का धन्यवाद करते हुए कहा कि प्याज पर लगे 20 प्रतिशत निर्यात शुल्क को हटा लिया गया है, जिससे किसानों को राहत मिलेगी और उनकी आय बढ़ेगी।
मुख्यमंत्री ने बताया कि सिंहस्थ कुंभ मेले की तैयारियों के लिए अब तक कई बैठकें हो चुकी हैं। त्र्यंबकेश्वर के विकास के लिए 1,100 करोड़ रुपये का मास्टर प्लान तैयार किया गया है, जिसमें मंदिर क्षेत्र में सुविधाएं बढ़ाने, पार्किंग, शौचालय, सड़कें और जल आपूर्ति को बेहतर बनाने का प्रस्ताव शामिल है।
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उन्होंने कहा कि इस योजना को दो चरणों में पूरा किया जाएगा—पहला चरण 2027 तक और दूसरा 2028-29 तक।फडणवीस ने उम्मीद जताई कि यह कुंभ मेला ऐतिहासिक और भव्य होगा। उन्होंने प्रयागराज महाकुंभ का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां उम्मीद से कहीं अधिक श्रद्धालु पहुंचे थे, और नासिक में भी भारी भीड़ की संभावना है। इसलिए, अभी से तैयारियां शुरू कर दी गई हैं ताकि श्रद्धालुओं को किसी तरह की असुविधा न हो।
त्र्यंबकेश्वर के धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व पर जोर देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह स्थल देशभर के श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है। इसी कारण राज्य सरकार इसके व्यापक विकास के लिए प्रतिबद्ध है। 1,100 करोड़ रुपये की योजना के तहत मंदिर और आसपास के इलाकों को बेहतर बनाने के साथ-साथ कुंभ मेले के दौरान व्यवस्थाओं को सुचारु बनाए रखने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।