आज राज्य में आषाढ़ी एकादशी का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है| आषाढ़ी एकादशी के अवसर पर पंढरपुर के श्री विठ्ठल-रुक्मिणी मंदिर में 10 जुलाई की सुबह मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के हाथों शासकीय पूजा अर्चना की गई| मुख्यमंत्री का पद संभालने के बाद एकनाथ शिंदे की यह पहली महापूजा थी। कई वारकरियों की उपस्थिति में, उन्होंने अपनी पत्नी लता के साथ विठ्ठल की महापूजा की।
इस वर्ष महापूजा के लिए मुख्यमंत्री के साथ वारकरी मान मुरली नवाले और उनकी पत्नी जीजाबाई नवाले भी साथ थी। ये कपल पिछले 20 सालों से इंतजार कर रहा है। आधिकारिक महापूजा सुबह 3.10 बजे हुई। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के साथ उनकी पत्नी, पुत्र सांसद श्रीकांत शिंदे और पौत्र भी उपस्थित हुए।
महापूजा के बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि किसान, मजदूर, वारकरी, समाज के सभी वर्गों को सुख-समृद्धि मिले| कोविड संकट को हमेशा के लिए जाने दें। राज्य पर संकट, सभी समस्याओं को दूर किया जाए। प्रदेश की तरक्की होनी चाहिए, चहुंमुखी विकास होना चाहिए। राज्य सरकार गरीबों के जीवन में बेहतर दिनों के लिए प्रयास करेगी।
आषाढ़ी एकादशी के अवसर पर, राज्य चुनाव आयोग ने कुछ नियमों और शर्तों पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के हाथों विट्ठल की आधिकारिक महापूजा करने पर सहमति व्यक्त की। शनिवार की देर रात पंढरपुर पहुंचने के बाद शिंदे ने राजकीय विश्राम गृह में आयोजित ‘पर्यावरण वारी, पंढरी का द्वार’ कार्यक्रम में भाग लिया|
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