महाराष्ट्र विधानमंडल शीतकालीन अधिवेशन के पहले दिन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे सदन से नदारत रहे। इसको लेकर विपक्ष ने जहां सत्तापक्ष पर निशाना साधा वहीं सत्ता पक्ष के विधायक-मंत्री मुख्यमंत्री का बचाव करते हुए दिखाई दिए। इस बारे में पूछे जाने पर राज्य के पर्यावरण मंत्री व मुख्यमंत्री के सुपुत्र आदित्य ठाकरे ने कहा कि जब जरुरत होगी तब सीएम साहब सदन में आ जाएंगे।
इसके पहले मंगलवार को सत्तापक्ष की चाय पार्टी में भी मुख्यमंत्री ने हिस्सा नहीं लिया था। जबकि यह चाय पार्टी उनके सरकारी आवास से कुछ ही कदम की दूरी पर स्थित सरकारी गेस्ट हाऊस सहयाद्री में आयोजित की गई थी। अधिवेशन के पहले होने वाली सत्तापक्ष की प्रेस कांफ्रेंस को मुख्यमंत्री ठाकरे की बजाय उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने संबोधित किया था।
किसी दूसरे को दे सीएम का चार्जः पाटील
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के विधानमंडल अधिवेशन में प्रत्यक्ष रूप शामिल न होने पर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटील ने कहा है कि महाराष्ट्र की जनता ने 45 दिनों से मुख्यमंत्री को नहीं देखा है। पाटील ने कहा कि उद्धव को किसी मंत्री को मुख्यमंत्री पद का चार्ज देना चाहिए। लेकिन उनका किसी मंत्री पर भरोसा ही नहीं है। उद्धव को अपने बेटे तथा प्रदेश के पर्यटन मंत्री आदित्य ठाकरे पर विश्वास है तो उन्हें मुख्यमंत्री पद का चार्ज दें। यदि ऐसा नहीं करते हैं तो वह प्रदेश को चलाने के लिए तीन मंत्रियों का एक समूह बना दें।
पाटील ने कहा कि मुख्यमंत्री स्वास्थ्य कारणों से राज्य के साथ अन्याय नहीं कर सकते हैं। सहानभूति जन सामान्य लोगों के लिए ठीक है। नेता के लिए सहानभूति लागू नहीं होती। इसलिए वह नेता कहलाता है। भाजपा नेता ने कहा कि दो सालों में पूरा सिस्टम कोलेप्स हो गया है। मुख्यमंत्री को सदन में आकर विपक्ष के सवालों का जवाब देना चाहिए।
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