राजेश ठाकुर ने कहा, “राहुल गांधी ने जरा सी सच्चाई पूछ ली कि विदेश मंत्री कहीं मुखबिरी तो नहीं कर रहे थे, तो इनका कलेजा फटने लगा। उन्होंने कहा कि भारत के आजाद होने से पहले ही ये लोग अंग्रेजों के एजेंट रहे हैं और हमें मीर जाफर बता रहे हैं। पहले आरएसएस को मीर जाफर और जयचंद की कंपनी कहा जाता था।”
उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के कहने पर ही प्रधानमंत्री के गायब चेहरे को हटा लिया गया था और उन्हीं के संदर्भ में इस तरह की बातें करते हैं। भाजपा के लोग दोहरे चरित्र वाले होते हैं। राहुल गांधी की तुलना मीर जाफर से करने की इस हरकत के लिए जितनी निंदा की जाए, कम है।
मध्य प्रदेश के मंत्री की कर्नल सोफिया कुरैशी पर आपत्तिजनक टिप्पणी पर राजेश ठाकुर ने कहा कि देश की बेटी और हम सबकी बहन कर्नल सोफिया कुरैशी के संदर्भ में अपमानजनक बयान पर बाद त्वरित कार्रवाई करते हुए मंत्री को बर्खास्त किया जाना चाहिए था।
उन्होंने कहा कि एक तरफ महमूदाबाद के अली खान को आप गिरफ्तार कर लेते हैं और दूसरी तरफ आपका मंत्री इस तरह के बयान देता है, तो बचाव में उतर आते हैं। भाजपा को इस पर पश्चाताप करते हुए कार्रवाई करनी चाहिए।
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