बिहार में उठापटक के बीच इतने महत्वपूर्ण क्यों हो गए जीतन मांझी? जाने

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने जीतन राम मांझी से फोन पर बात कर इंडिया गठबंधन में शामिल होने के लिए कहा है।

बिहार में उठापटक के बीच इतने महत्वपूर्ण क्यों हो गए जीतन मांझी? जाने

बिहार में ठंड के मौसम में राजनीति पारा अपने चरम पर है। जहां एक ओर दावा किया जा रहा है कि नीतीश कुमार बीजेपी के साथ जा सकते हैं। शनिवार को उन्होंने बीजेपी सांसद अश्वनी चौबे के साथ बक्सर के ब्रह्मपुर मंदिर में दोनों नेताओं ने पूजा अर्चना की और मंदिर के कायाकल्प के लिए योजना का शिलान्यास किया। इस बीच, बिहार में एक दूसरी ही खिचड़ी पक खबर रही है। खबरों के अनुसार कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने जीतन राम मांझी से फोन पर बात कर इंडिया गठबंधन में शामिल होने के लिए कहा है।

बता दें कि, इससे पहले ऐसी खबरें आ रही थी कि राज्य के कुछ कांग्रेसी विधायकों के फोन लगातार बंद आ रहे हैं। बताया जा रहा है कि ये विधायक सीएम नीतीश कुमार के सम्पर्क में है और ये विधायक जेडीयू का दामन थाम सकते हैं। माना जा रहा रहा है कि, कांग्रेस भी बीजेपी की तरह एनडीए गठबंधन को तोड़ने का प्रयास कर रही है। इसी कड़ी में राहुल गांधी ने फोन पर जीतन राम मांझी से बात कर इंडिया गठबंधन में शामिल होने का ऑफर दिया है।

वहीं, जीतन राम मांझी को इंडिया गठबंधन में शामिल कराने की कोशिश तेज हो गई है। बताया जा रहा है कि इस संबंध में भूपेश बघेल जीतन राम मांझी से मुलाक़ात कर सकते हैं। सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि आरजेडी ने हिन्दुस्तानी आवामी मोर्चा सेक्युलर “हम” के मुखिया जीतन राम मांझी को कई ऑफर दिया है। सबसे बड़ी बात यह है कि फिलहाल जीतन राम मांझी इतने महत्वपूर्ण क्यों हो गए हैं। यह जानने की जरुरत है। क्योंकि बीजेपी के नेता भी मांझी से मिल रहे हैं,अब कांग्रेस भी उन पर डोरे डाल रही है। वैसे वर्तमान में मांझी की पार्टी से चार विधायक है, मगर सांसद एक भी नहीं है।

बताया जा रहा है कि लालू यादव, तेजस्वी यादव के नेतृत्व में बिहार में सरकार बनाने का प्लान बना रहे हैं। जिसके लिए आरजेडी को आठ विधायकों की जरूरत है। इसलिए राज्य में उठापटक के बीच आरजेडी मांझी पर डोरे डाल रही है। आरजेडी के 78 विधायक, कांग्रेस के 19 और वाम दल के 16 विधायकों को मिलकर कुल संख्या 114 पहुंच रही है। जबकि बिहार में बहुमत का आंकड़ा 122 का है। इसके साथ ही आठ विधायकों की कमी हो रही है। बताया जा रहा है कि निर्दलीय विधायकों को लेकर आरजेडी बहुमत के करीब पहुंच सकती है लेकिन तब भी दो विधायकों की जरुरत पड़ेगी। इसी गणित को बैठाने के लिए आरजेडी कांग्रेस मांझी को रिझा रही है।

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