पीएम मोदी द्वारा चंद्रयान-3 के लैंडिंग पॉइंट को “शिव शक्ति” नाम दिए जाने पर सियासत तेज हो गई है। मुस्लिम नेता इसे मजहब से जोड़कर देख रहे हैं। पीएम मोदी शनिवार को साऊथ अफ्रीका और ग्रीस के दौरे के बाद बेंगलुरु में स्थित इसरो सेंटर में वैज्ञानिकों से मुलाक़ात की और उन्हें संबोधित किया। अब कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने विक्रम लैंडर के उतरने वाली जगह का नाम शिव शक्ति रखने पर आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि हम लैंडिंग पॉइंट के मालिक नहीं हैं कि उसका नाम रखें।
अल्वी ने कहा कि ‘नरेंद्र मोदी को यह अधिकार किसने दे दिया कि वे चन्द्रमा की सतह का नाम रखें? यह हास्यास्पद है। इस नामकरण से पूरी दुनिया हंसेगी। उन्होंने कहा कि चंद्रयान-3 की लैंडिंग उस जगह हुई है जहां कोई देश नहीं पहुंचा है। यह हमारे लिए गर्व की बात है। मगर हम चन्द्रमा के मालिक नहीं है, न ही लैंडिंग पॉइंट के मालिक है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी की यह आदत रही है, जब से वह सत्ता में आई है तब से नाम बदल रही है।
जब उनसे पूछा गया कि चंद्रयान-1 के लैंडिंग की जगह जवाहर प्वाइंट रखा गया था। इसके जवाब में बीजेपी कह रही है कि इसका नाम अटल बिहारी वाजपेयी या अपनी सरकार के नेता के नाम पर नहीं रखा। इसके जवाब में अल्वी ने कहा कि जवाहर नेहरू की आप तुलना नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि आज इसरो जो कुछ है वह जवाहर लाल नेहरू की वजह से है। आप कह सकते हैं कि जवाहर लाल नेहरू इसरो के को फाउंडर थे। यह सबसे अलग बात है जबकि मोदी जी इसको लेकर राजनीतिकरण कर रहे हैं।
अल्वी के बयान पर बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कांग्रेस नेता को घेरा है। उन्होंने पीएम मोदी के लिए देश पहले आता है जबकि कांग्रेस के लिए पहले परिवार है। अगर यह यूपीए के कार्यकाल में होता तो चांद का नाम गांधी परिवार के नाम पर हो जाता। इंदिरा प्वाइंट या राजीव प्वाइंट गांधी के नाम पर रखा जाता। उन्होंने कहा कि जहां चंद्रयान -1 लैंडिंग किया था उस पॉइंट जवाहर पॉइंट नाम दिया गया था।
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