उन्होंने आईएएनएस से बातचीत के दौरान कहा कि इसमें संदेह की क्या बात है? 1962 में नेता प्रतिपक्ष ने नेहरू से विशेष सत्र की मांग की थी। इस पर तुरंत जवाहर लाल नेहरू ने सत्र बुलाया था। यह सरकार नार्मल सत्र में चर्चा करना चाहती है तो इनकी मर्जी है। आज तक कभी भी 47 दिन पहले किसी पार्लियामेंट सेशन की नोटिफिकेशन हुई थी। डेमोक्रेसी में जो चर्चा होती है, उसको तो रोका नहीं जा सकता है।
बता दें कि ऑपरेशन सिंदूर की सफलता और पाकिस्तान पर किए गए हमले को लेकर विपक्ष लगातार विशेष सत्र बुलाने की मांग करता रहा है। विपक्षी दलों ने इसको लेकर कई बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है।
सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल की यात्रा के बारे में उन्होंने कहा कि फ्रांस, इटली, डेनमार्क, इंग्लैंड, बेल्जियम और जर्मनी गए थे। सारे मुल्क और संस्थाओं से मिलने के बाद हमने यह बताया कि पाकिस्तान भारत में आतंकवाद को बढ़ावा देता है।
उल्लेखनीय है कि ऑपरेशन सिंदूर के बारे में जानकारी देने और आंतक को लेकर पाकिस्तान को बेनकाब करने के उद्देश्य से 7 सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल को कई देशों की यात्रा पर भेजना का केंद्र सरकार ने फैसला किया था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को इन 7 प्रतिनिधिमंडलों में शामिल सभी दलों के सांसदों के साथ-साथ पूर्व सांसद और अनुभवी राजनयिकों से मुलाकात की। इन सभी ने अपने-अपने दौरे के अनुभव साझा किए और बताया कि किस प्रकार उन्होंने विभिन्न राष्ट्रों में भारत के दृष्टिकोण और मूल्यों को मजबूती से प्रस्तुत किया।
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