कांग्रेस के वरिष्ठ नेता वीरप्पा मोइली ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 11 दिन के किये गए विशेष अनुष्ठान सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि सवाल उठाते हुए कहा कि उन्होंने उपवास किया है या नहीं, मुझे संदेह है। बता दें कि, पीएम मोदी 12 जनवरी से लेकर 22 जनवरी तक विशेष अनुष्ठान किया। इस दौरान उन्होंने केवल नारियल पानी पीकर रहें है। कांग्रेस नेता के इस बयान से विवाद हो सकता है।
गौरतलब है कि वीरप्पा मोइली कांग्रेस सरकार में केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं। उन्होंने कहा कि ” मुझे संदेह है कि उन्होंने उपवास किया या नहीं। यदि उन्होंने बिना व्रत के गर्भगृह में प्रवेश किया है तो वह स्थान अपवित्र हो जाता है और उस स्थान से शक्ति पैदा नहीं हो सकती है। उन्होंने आगे कहा कि एक डॉक्टर के साथ मॉर्निग वॉक करते हुए उन्होंने मुझे बताया था कि एक शख्स इतने दिनों तक बिना खाये पीये जीवित नहीं रह सकता। अगर वह जीवित हैं तो चमत्कार है।
बता दें कि, पीएम मोदी ने 12 जनवरी से 22 जनवरी तक विशेष अनुष्ठान किया था। इस दौरान वे महाराष्ट्र के नासिक में स्थित कालाराम में पूजा अर्चना करके अनुष्ठान की शुरुआत की थी।इसके बाद उन्होंने आंध्र प्रदेश, केरल और तमिलनाडु के राम जुड़े मंदिरों में पूजा अर्चना की. इसी कड़ी में उन्होंने रामेश्वर में राम सेतु की पूजा अर्चना की। जिसे कांग्रेस एक काल्पनिक बता चुकी है अब अगर कांग्रेस नेता पीएम मोदी के विशेष अनुष्ठान पर सवाल उठाते हैं, तो यह एक विवादित राजनीति बयान हो सकता है।
इस बीच गोविन्द देव गिरी महाराज ने बताया कि प्राण प्रतिष्ठा के दिन पीएम मोदी का उपवास तुड़वाने के पानी, शहद और नींबू से किया जाना था। लेकिन उन्होंने भगवान राम के चरणामृत की मांग की थी। उन्होंने शहद और नींबू के पानी से अपना व्रत तोड़ने से इंकार कर दिया था।
गोविन्द देव गिरी महाराज ने बताया कि पीएम मोदी को चरणामृत देते समय मुझे सुखद अनुभूति हो रही थी। ऐसा लग रहा था कि मैंने अपने बेटे को चरणामृत देकर उपवास तोड़वा रहा हूं। उन्होंने कहा कि हमने पीएम मोदी को तीन दिन का विशेष उपवास रखने को कहा था ,लेकिन उन्होंने 11 दिन का पूरा अनुष्ठान करने का फैसला किया था। बता दें कि, गोविन्द देव गिरी महाराज ने ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चरणामृत देकर उनका उपवास खत्म कराया था।
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