दशहरा रैली में भीड़ जुटाने की रणनीति, CM शिंदे ने शुरू किया काम !

ठाकरे ने कहा कि न्याय की देवी में आस्था जायज है​| ​शिवसेना विवाद पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला देश के लोकतंत्र का भविष्य तय करेगा​|​​ मैंने न्याय के देवता पर संदेह नहीं किया है। आज लोकतंत्र की जीत का दिन है।

दशहरा रैली में भीड़ जुटाने की रणनीति, CM शिंदे ने शुरू किया काम !

दशहरा मेलों में भीड़ जुटाने की रणनीति, CM शिंदे ने शुरू किया काम

शिवसेना का शिंदे-ठाकरे गुट दशहरा रैली को लेकर विवाद में है। दोनों पक्षों ने दावा किया कि हम बैठक करेंगे। दोनों समूहों ने दादर के छत्रपति शिवाजी महाराज पार्क में सभा करने के लिए बीएमसी से अनुमति मांगी। लेकिन बीएमसी ने कानून व्यवस्था का हवाला देते हुए अनुमति देने से इनकार कर दिया।
इसके बाद उद्धव ठाकरे समूह द्वारा उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की गई थी। इसमें हाईकोर्ट ने ठाकरे समूह को शिवतीर्थ पर दशहरा रैली आयोजित करने की हरी झंडी दी। उसी से अब शिंदे-ठाकरे गुट जुटी भीड़ के आधार पर रणनीति बना रहा है| इसके लिए मुख्यमंत्री ने शिंदे समूह के विधायकों की बैठक बुलाई है|

दशहरा रैली के लिए कार्यकर्ता नासिक शहर से 300-350 बसें भरकर मुंबई जा रहे हैं। इसके साथ ही विधायक सुहास कांडे ने बताया कि मनमाड से 2 ट्रेनों की बुकिंग की गई है| एकनाथ शिंदे हर साल शिवतीर्थ पर भीड़ जमा करते थे। अब यही तैयारी बीकेसी मैदान में की जाएगी। हमेशा की तरह तैयारी चल रही है। कांडे ने कहा कि वरिष्ठ वकीलों से चर्चा चल रही है कि हम हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे|

शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे ने दशहरा सभा की शुरुआत इस टैगलाइन के साथ की थी “आओ हिंदुत्व के विचारों को सुनों, लेकिनअब जिन्हें अनुमति मिली वे हिंदुत्व के विचारों को नहीं सुनेंगे”। तब आपको ताने सुनने को मिलेंगे। शिंदे समूह के प्रवक्ता नरेश म्हस्के ने उद्धव ठाकरे को चुनौती देते हुए कहा है कि यह एक नकली बैठक है और अगर हम सच्चे हिंदुत्ववादी विचारों को सुनना चाहते हैं, तो हम जहां भी मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की बैठक होगी, हम हिंदुत्ववादी विचारों को सुनेंगे।

शिवसेना पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने शिवसेना कार्यकर्ताओं से अपील की है कि वे आएं और संगीत बजाएं लेकिन ऐसा व्यवहार न करें जैसे दशहरा सभा की बदनामी हो। हाई कोर्ट के फैसले के बाद उन्होंने मीडिया के सामने अपना पक्ष रखा| उद्धव ठाकरे ने कहा कि मेरी बहनों और भाइयों को अनुशासन के साथ व्यवहार करना चाहिए क्योंकि वे हमारी परंपरा को जारी रखना चाहते हैं। कोई हम पर उंगली उठाने की हिम्मत न करे। ठाकरे ने कहा कि न्याय की देवी में आस्था जायज है​| ​शिवसेना विवाद पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला देश के लोकतंत्र का भविष्य तय करेगा|​​ मैंने न्याय के देवता पर संदेह नहीं किया है। आज लोकतंत्र की जीत का दिन है।
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