मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जारांगे पाटिल ने इस विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार उतारने का फैसला किया है। ऐसे विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में उम्मीदवार खड़ा करना जहां उम्मीदवारों के निर्वाचित होने की संभावना है और जहां निर्वाचित होने की संभावना कम है।बैठक में मनोज जरांगे पाटिल ने मराठा आरक्षण की वकालत करने वाले उम्मीदवार के प्रति अपना समर्थन जताया|इस बीच उन्होंने अब विधानसभा की प्लानिंग कैसी होगी इसके तीन चरण बताए हैं|
उन्होंने आगे बोलते हुए कहा कि आप सिर्फ आवेदन पत्र न भरें, हम समाज की ताकत दिखाना चाहते हैं|सीधे हमारे पास बांड न लाएं बल्कि पहले हमसे चर्चा करें। सारे समीकरण देखने होंगे, समीकरण बिठाने होंगे, जहां एक से अधिक अभ्यर्थियों ने आवेदन भरा है, वहां एक समय में केवल एक ही अभ्यर्थी को आवेदन दिया जाएगा, शेष को अपना आवेदन वापस लेना होगा। जरांगे पाटिल ने कहा है कि जो अपनी उम्मीदवारी वापस नहीं लेगा उसे हम मैनेज मानेंगे|
जरांगे पाटिल ने वास्तव में क्या कहा?: हमारे पास तीन चरण हैं। हम वहीं उम्मीदवार देंगे जहां उम्मीदवारों का चयन हो चुका है। दो एससी, एसटी निर्वाचन क्षेत्रों में जो समान विचारधारा वाले लोग हैं, जो हमारी मांगों से सहमत हैं, उन निर्वाचन क्षेत्रों में मराठा समुदाय के वोट उन्हें दिए जाएंगे। चाहे वह उम्मीदवार किसी भी पार्टी का हो, वह निर्वाचित होने वाला है।
यदि इनमें से कोई भी आरक्षित निर्वाचन क्षेत्र में नहीं आता है, तो एक स्वतंत्र उम्मीदवार को वह सीट दी जाएगी। और उन्हें मराठों, मुस्लिमों और दलितों का समर्थन मिलेगा| उन्हें चुनकर हम दोनों को ध्वस्त कर देंगे| जारांगे पाटिल ने कहा है कि तीसरे चरण में जहां हमारे पास कोई उम्मीदवार नहीं है, हम पहले उस उम्मीदवार को लिखेंगे जो हमारे वोट से सहमत है, और फिर मराठा समुदाय उसे वोट देगा।
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