दिल्ली में स्कुल में बम रखने की धमकी भरें इमेल्स के बाद स्कूल के विद्यार्थिओं और उनके परिजनों में डर का माहौल बना था। साथ ही लगातार बम की धमकियों से सनसनी भी मची थी। वहीं बीते दिनों एक स्कुल विद्यार्थी की पहचान की गई थी, जिसने अपने मोबाइल से ये सारी धमकियां भेजी थी। दरम्यान मंगलवार को (14 जनवरी) पुलिस ने दावा किया है कि किशोर के माता-पिता एक ऐसे संगठन के साथ काम करते हैं जो एक NGO से जुड़ा हुआ है, जिसका एक राजनीतिक दल के साथ “गहरा संबंध” है। पुलिस ने आगे दावा किया कि एनजीओ ही वह था जिसने 2001 के संसद हमले के दोषी आतंकवादी अफजल गुरु की फांसी की वैधता पर सवाल उठाए थे।
विशेष सीपी कानून एवं व्यवस्था ने मीडिया से बात करते हुए कहा की, “स्कूलों को लगातार (बम की धमकी) ईमेल मिल रहे थे, उस मामले में बड़ी सफलता मिली है। 12 फरवरी से स्कूलों को बड़े पैमाने पर बम की धमकी वाले ईमेल मिल रहे थे… ये ईमेल बहुत ही तकनीकी तरीके से भेजे गए थे… VPN आदि के इस्तेमाल की वजह से सफलता पाना आसान नहीं था… 8 जनवरी 2025 को जब हमें आखिरी ईमेल मिला, तो हमें एक तकनीकी विंडो मिली और उसके जरिए हमने उस नाबालिग की पहचान की जो धमकी भरे ईमेल भेज रहा था… हमने उसके मोबाइल की फोरेंसिक जांच की और हमें पता चला कि इस बच्चे ने 400 से ज्यादा स्कूलों को ईमेल भेजे हैं, हम जानना चाहते थे कि वो अकेला ऐसा कैसे कर सकता है, हम देखना चाहते थे कि इसके पीछे कोई साजिश तो नहीं है।”
#WATCH | Delhi: Special CP Law & Order Madhup Tiwari says, " Schools had been receiving (bomb threat) emails continuously, a big success has been achieved on that issue. Since 12th February, schools have received bomb threats through mass emails…these emails were sent in a very… pic.twitter.com/U6bsHuMM5g
— ANI (@ANI) January 14, 2025
वहीं पुलिस द्वारा ईमेल भेजने वाले लड़के के घर की प्रोफाइलिंग की, जिस पर पुलिस ने खुलासा कर बताया “जब हमने जांच के एक हिस्से के रूप में किशोर के परिवार की प्रोफाइलिंग की, तो हमने पाया कि उसके माता-पिता में से एक ऐसे संगठन से जुड़ा है, जिसका एक NGO से गहरा संबंध है… यह पाया गया कि NGO का एक विशेष राजनीतिक दल से गहरा संबंध है… हम जांच कर रहे हैं कि क्या किसी राजनीतिक दल से जुड़ा एनजीओ इसमें शामिल है… हम देख रहे हैं कि क्या इस मुद्दे के पीछे दिल्ली में अशांति पैदा करने की कोई राजनीतिक मंशा है…”
बता दें की, पुलिस ने इस बात को साफ तौर पर बताया है की एनजीओ “कई मुद्दों पर उस राजनीतिक दल का समर्थन करता है और यह NGO अफजल गुरु की फांसी की वैधता पर भी सवाल उठा चूका है।” वहीं अब ईमेल प्रकरण अब राजनीतिक मोड़ लेता हुआ नज़र आरहा है। पुलिस द्वारा खुलासे किए जाने के तुरंत बाद, भाजपा ने दावा किया कि संबंधित राजनीतिक दल आम आदमी पार्टी (आप) है और उसने अपने सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल से स्पष्टीकरण जारी करने को कहा।
भाजपा का सवाल:
भाजपा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, “दिल्ली के विभिन्न स्कूलों में धमकियां एक किशोर द्वारा भेजी गई थीं… जांच के बाद, यह पाया गया कि उनके माता-पिता और अभिभावक कुछ ऐसे एनजीओ से जुड़े हुए थे जो अफजल गुरु की फांसी का विरोध करने जैसी गतिविधियों में शामिल रहे हैं… अगर एक किशोर अपने आप ऐसा कर रहा है, तो उसे किस तरह की शिक्षा मिल रही है? या वह सिर्फ एक मोहरा है और उसके माता-पिता और एनजीओ अपने राजनीतिक लाभ के लिए दिल्ली में माहौल और कानून-व्यवस्था को बिगाड़ने की कोशिश में भूमिका निभा रहे हैं…?हम सभी इस तथ्य से अवगत हैं कि आप के पास अफ़ज़ल गुरु की फांसी का विरोध करने वाले एनजीओ से संबंध हैं…एनजीओ से जुड़े वे लोग कौन हैं? क्या वे आप से जुड़े हैं?…मैं उनसे (अरविंद केजरीवाल से) पूछता हूँ कि आप को स्पष्ट करना चाहिए कि पार्टी का उनसे (NGO) कोई संबंध है या नहीं।”
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बता दें की पिछले साल (2024) फर्जी कॉल की घटनाओं में वृद्धि हुई थी। कई हवाईजहाजों, स्कूलों और कॉलेजों को ईमेल या फोन कॉल के माध्यम से धमकियाँ मिली थीं। सरकार के अनुसार, पिछले साल 13 नवंबर तक घरेलू एयरलाइनों को लगभग 1,000 फर्जी बम धमकियों का सामना करना पड़ा है। नागरी उड्डयन मंत्रालय के अनुसार अगस्त 2022 से 13 नवंबर 2024 के बीच कुल 1,143 फर्जी बम धमकियां मिली है, जबकि अकेले 2024 में, जनवरी से 13 नवंबर के बीच 994 धमकियाँ मिलीं।