27 साल के लंबे इंतजार के बाद बंपर जीत के साथ भाजपा ने दिल्ली की सत्ता में वापसी की है| नरेंद्र मोदी के चेहरे पर पार्टी ने चुनाव लड़ा था| हालांकि भाजपा ने मुख्यमंत्री पद के लिए अपने नाम पर चुप्पी साध रखी है, लेकिन 5 संभावित नाम चर्चा में है| इन पर पार्टी शीर्ष पद के लिए विचार कर सकती है| दिल्ली भाजपा प्रमुख सचदेवा से जब सीएम चेहरे के बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि यह फैसला पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व करेगा| विधायक दल की बैठक के बाद फैसला लिया जाएगा|
इस बीच, भाजपा किसे दिल्ली का सीएम बनाएगी? इस सवाल का जवाब सभी जानना चाहते हैं| भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के आवास पर पहुंचे। माना जा रहा है कि इस मुलाकात में दिल्ली का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा इस पर चर्चा हो सकती है।
वही, पूर्व सांसद परवेश साहिब सिंह वर्मा नई दिल्ली सीट पर आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल को हराने के बाद भाजपा के लिए एक प्रमुख चेहरा बन गए| दिल्ली के पूर्व सीएम साहिब सिंह वर्मा के बेटे वर्मा ने इस जीत के साथ चर्चा में आ गए हैं| वह अरविंद केजरीवाल के गढ़ में सेंध लगाने में कामयाब रहे|
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के करीबी जितेंद्र महाजन वैश्य समुदाय से आते हैं| वह तीसरी बार विधायक बने| सरिता सिंह को हराकर रोहतास नगर सीट जीती|
वरिष्ठ भाजपा नेता विजेंद्र गुप्ता ने दिल्ली भाजपा प्रमुख के रूप में कार्य किया| 2015 और 2020 दोनों में आम आदमी पार्टी की लहर के बावजूद जीत हासिल की है| लगातार रोहिणी सीट पर कब्जा करने में गुप्ता ने दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता के रूप में भी काम किया है| उनके अनुभव और सरल व्यवहार की वजह से कार्यकर्ता पहचानते हैं|
सतीश उपाध्याय को भाजपा का ब्राह्मण चेहरा माना जाता है| वे पहले भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष, दिल्ली युवा मोर्चा के प्रमुख और एनडीएमसी के उपाध्यक्ष रह चुके हैं| अपने प्रशासनिक अनुभव के साथ-साथ उन्होंने संगठन में कई जिम्मेदारियां संभाली हैं| मध्य प्रदेश के सह-प्रभारी रहे हैं| आरएसएस से भी उनका गहरा नाता है|
आशीष सूद भाजपा का पंजाबी चेहरा हैं| पार्षद रह चुके हैं| दिल्ली भाजपा के महासचिव रह चुके हैं| वे वर्तमान में गोवा के प्रभारी और जम्मू-कश्मीर के सह-प्रभारी हैं| उनके केंद्रीय नेताओं से करीबी संबंध हैं| वे डीयू के अध्यक्ष भी रह चुके हैं| सूद को दिल्ली की कमान देकर भाजपा पंजाब में पैठ बनाने की कोशिश कर सकती है|
यह भी पढ़ें-
उपराज्यपाल बड़ा आदेश: हार के बाद ‘आप’ की दिल्ली सचिवालय में एंट्री पर बैन!