अरविंद केजरीवाल एक ओर जहां केंद्र सरकार द्वारा लाए गए अध्यादेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। केजरीवाल सरकार ने अध्यादेश पर तत्काल सुनवाई कर उसे रोकने की मांग की है। वहीं दूसरी ओर 3 जुलाई को अध्यादेश की कॉपी को जलाने का ऐलान किया है। बता दें कि केजरीवाल इस अध्यादेश के विरोध में विपक्ष के नेताओं से समर्थन भी मांग रहे हैं।
गौरतलब है कि, 11 मई को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार की याचिका पर सुनवाई करते हुए उसके पक्ष में फैसला सुनाया था। याचिका में दिल्ली में अफसरों की नियुक्ति और तबादलों के अधिकार को लेकर मांग की गई थी। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस सुनवाई करते हुए दिल्ली सरकार के पक्ष में फैसला सुनाया था। जिसके बाद केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश को पलटने के लिए अध्यादेश लाया।
केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण बनाने की बात करते हुए अधिकारियों का तबादला और नियुक्ति का अधिकार उपराज्यपाल को दे दिया। केंद्र ने इस अध्यादेश के पीछे की वजह बताते हुए कहा कि दिल्ली कोई आम राज्य नहीं है यह देश की राजधानी है। यहां पर सुप्रीम कोर्ट से लेकर संसद तक स्थित है। अगर ऐसे में कोई चूक होती है तो भारत की छवि को बड़ा नुकसान होगा।
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