दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर 10 साल से अधिक पुराने डीजल वाहनों और 15 साल से अधिक पुराने पेट्रोल वाहनों पर लगाए गए प्रतिबंध पर पुनर्विचार की मांग की है। सरकार का कहना है कि यह प्रतिबंध मध्यम वर्ग पर अनुचित आर्थिक दबाव डाल रहा है और इसका पर्यावरण पर प्रभाव भी वैज्ञानिक रूप से स्पष्ट नहीं है।
सरकार ने 2018 में दिए गए उस आदेश को चुनौती दी है जिसके तहत राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में पुराने वाहनों के संचालन पर पूर्ण प्रतिबंध लागू है। याचिका में आग्रह किया गया है कि सुप्रीम कोर्ट केंद्र सरकार या वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) को निर्देश दे कि वह एक व्यापक वैज्ञानिक अध्ययन कराए, जिससे यह स्पष्ट हो सके कि केवल वाहनों की उम्र के आधार पर लगाया गया यह प्रतिबंध वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए कितना प्रभावी रहा है।
दिल्ली सरकार का कहना है कि मौजूदा नीति सभी वाहनों के साथ एकसमान व्यवहार करती है, चाहे वे अत्यधिक प्रदूषणकारी हों या अच्छी तरह से रखरखाव किए गए, कम चलने वाले वाहन। इससे उन लोगों पर भी असर पड़ता है जो पर्यावरण के प्रति सजग रहते हुए अपनी गाड़ियों की नियमित देखभाल करते हैं। सरकार का कहना है कि यह नीति उत्सर्जन आधारित न होकर उम्र आधारित है, जो मौजूदा वैज्ञानिक और तकनीकी समझ के अनुरूप नहीं है।
याचिका में यह भी कहा गया है कि बीएस-6 मानक के तहत निर्मित वाहन बीएस-4 की तुलना में काफी कम प्रदूषण करते हैं, बावजूद इसके ऐसे वाहन भी प्रतिबंध की चपेट में आ रहे हैं। कई पुराने वाहन आज भी सभी आवश्यक मानकों का पालन करते हैं और उनकी तकनीकी फिटनेस प्रमाणित होती है। फिर भी उन्हें हटाया जा रहा है, जो कि तर्कसंगत नहीं है।
दिल्ली सरकार ने विभिन्न अध्ययनों का हवाला देते हुए कहा है कि कम उपयोग में आने वाले, अच्छे रख-रखाव वाले पुराने वाहनों से पर्यावरण को न्यूनतम नुकसान होता है, लेकिन ऐसे मालिकों को भी नियम के तहत नुकसान उठाना पड़ रहा है। सरकार का मानना है कि ऐसे नियमों से सबसे अधिक असर मध्यम वर्ग पर पड़ता है, जो इन वाहनों का सीमित उपयोग करते हैं और नई गाड़ी खरीदने की स्थिति में नहीं होते।
अंततः, दिल्ली सरकार ने प्रदूषण नियंत्रण के लिए अधिक वैज्ञानिक, व्यावहारिक और निष्पक्ष नीति की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट से मौजूदा प्रतिबंधों की पुनः समीक्षा करने की अपील की है। अब देखना होगा कि शीर्ष अदालत इस याचिका पर क्या रुख अपनाती है।
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