फरवरी 2020 के दिल्ली दंगों से जुड़े कई मामलों में आरोपी और आदमी पार्टी से पार्षद रह चूका ताहिर हुसैन जेल से ही अपना नामांकन पत्र दाखिल कर सकता हैं। दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार (7 जनवरी) को ताहिर हुसैन की उम्मीदवारी पर सहमती जताई है।
दरअसल कोर्ट की ओर से इसपर टिपण्णी तब की गई जब दंगों में हत्या से जुड़े मामलें पर हुसैन के अधिवक्ताओं द्वारा जमानत की मांग पर पुलिस ने जवाब दिया। पुलिस के जवाबों में एक बयान पर जवाब देते हुए उच्च न्यायलय ने अन्य उदाहरणों का हवाला दिया, जिसमें कैदियों ने जेल से ही नामांकन दाखिल किया था। वहीं उच्च विधी अधिकारी ने कोर्ट के सामने बेल का विरोध करते हुए अमृतपाल सिंह का उदाहरण देकर कहा की ताहिर हुसैन जेल से नामांकन प्रक्रिया पूर्ण कर सकते है।
हालांकि सोमवार को हुसैन के वकील ने कोर्ट में दलील पेश करते हुए कहा की पिछले साल लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए निचली अदालत ने रशीद इंजीनियर को अंतरिम जमानत मिली थी। इस बात पर भी जोर दिया गया की हुसैन 2020 से हिरासत में है, साथ ही दंगों के दो अन्य मामलों में जमानत मांगने की प्रक्रिया में है।
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हाईकोर्ट इस मामले पर मंगलवार को भी सुनवाई जारी रखेगा। बता दें की, ताहिर हुसैन ने MIM की ओर से चुनाव लड़ने के लिए 14 जनवरी से 9 फरवरी तक अंतरिम जमानत पाने के लिए कोर्ट का रुख किया था। ताहिर ने नामांकन पत्र दाखिल करने, बैंक खाता खोलने और चुनाव प्रचार करने के लिए राहत मांगी है। हुसैन ने याचिका में कहा है की उसने 4.9 साल हवालात में बिताए है और मामले पर मुकदमा शुरू हो गया है। लेकीन अभियोजन पक्ष की ओर से 110 में से केवल 20 लोगों की गवाही की जांच हुई है। साथ ही याचिका में कहा गया है कि सह-आरोपी व्यक्तियों को हाईकोर्ट ने जमानत दे दी है।