दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार (14 जनवरी) को आम आदमी पार्टी (AAP) के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन को अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया, जिन पर उत्तर पूर्वी दिल्ली में 2020 के हिंदू विरोधी दंगों में अहम भूमिका निभाने का आरोप है। वहीं अदालत ने नामांकन पात्र दाखिल करने के लिए कस्टडी परोल दी है। लेकीन, अदालत ने उनके खिलाफ आरोपों की गंभीरता पर जोर दिया, हिंसा में उनकी संलिप्तता को उजागर कि, जिसके कारण 59 लोगों की मौत हो गई।
हालांकि, कोर्ट ने ताहिर हुसैन को आगामी विधानसभा चुनावों के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने और प्रचार में भाग लेने की अनुमति देने के लिए हिरासत पैरोल दी है। मुस्तफाबाद निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हुसैन को असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) ने मैदान में उतारा है।
ताहिर हुसैन ने चुनाव संबंधी औपचारिकताएं पूरी करने के हेतु अंतरिम जमानत की मांग करते हुए अदालत में याचिका दायर की थी। हुसैन पर आपराधिक आरोपों और मामले से जुड़ी परिस्थितियों को देखते हुए अदालत ने उन्हें शपथ लेने और नामांकन के लिए कस्टोडियल परोल मंजूर की है।
ताहिर हुसैन को यह परोल आवश्यक शर्तों के साथ दी गई है:
- उसे मोबाइल या लैंडलाइन या इंटरनेट तक पहुंच नहीं होगी। नामांकन प्रक्रिया में शामिल अधिकारियों के अलावा उसे किसी से भी बातचीत करने की अनुमति नहीं है।
- उसे मीडिया को संबोधित करने से मना किया गया है। नामांकन प्रक्रिया के दौरान परिवार के सदस्य मौजूद रह सकते हैं, लेकिन उन्हें तस्वीरें लेने या सोशल मीडिया पर कोई भी सामग्री पोस्ट करने की अनुमति नहीं है।
यह भी पढ़ें:
शहजाद पूनावाला का अनशन, आप को देना होगा आरोप का सबूत!
‘राहुल’ नाम बताकर लड़कियां फंसाता था ‘जाहिद’, हिंदू जागरण मंच ने पुलिस को सौंपा!
Mahakumbh 2025: सीएम योगी ने प्रथम अमृत स्नान के सफल आयोजन पर आभार व्यक्त किया!
अदालत ने परोल के आदेशों में कहा, ” ताहिर हुसैन राज्य संबंधित अधिकारियों के साथ समन्वय कर सकता है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि पूरी प्रक्रिया समय पर पूरी हो जाए और आवेदक/याचिकाकर्ता के नामांकन दाखिल करने के अधिकार पर किसी भी तरह से असर न पड़े।”