नई दिल्ली। कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह एक बार फिर मुस्लिम प्रेम जाग उठा। कांग्रेस नेता हमेशा मुस्लिमों की फेवर करते नजर आते है और जब भी मौका मिलता है हिन्दुओं को नीचा दिखाने से नहीं चूकते हैं। गुरुवार को हमेशा अपने बयानों से विवादों में रहने वाले दिग्विजय हिंदुओं और मुसलमानों को लेकर एक विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि 1951 के बाद से मुसलमानों की प्रजनन दर में गिरावट हिन्दुओं की तुलना में अधिक रही है। उन्होंने एक शोध का हवाला देते हुए कहा कि आज मुसलमानों में प्रजनन दर 2.7 प्रतिशत है जबकि हिन्दुओं में 2.3 प्रतिशत है। दिग्विजय सिंह ने कहा कि 2028 दोनों की जन्म दर बराबर हो जाएगी। बता दें कि मंगलवार को अमेरिका के प्यू शोध केंद्र अपनी एक रिपोर्ट में दावा किया कि भारत में सबसे अधिक बच्चे भारतीय मुस्लिम पैदा करते हैं।
उन्होंने कहा कि भाजपा के कई नेता और ओवैसी अपनी वोट की राजनीति के लिए अपने-अपने समुदाय की प्रजनन दर का मुद्दा उठाते रहते हैं। भाजपा वाले कहते हैं कि मुसलमान चार-चार बीवी कर लेते हैं और दर्जनों बच्चे पैदा कर लेते हैं। 10-20 साल बाद मुसलमान बहुसंख्यक हो जाएंगे और हिंदू अल्पसंख्यक हो जाएंगे। मैं चुनौती देता हूं कि यह सही नहीं है, जो भी मुझसे चर्चा करना चाहें कर लें। उन्होंने कहा कि भाजपा की तरह ही ओवैसी भी मुसलमानों को गुमराह करते हैं।
#WATCH | A study shows that since 1951, decline in fertility rate in Muslims has been more than that in Hindus. Today, fertility rate in Muslims is 2.7% & 2.3% in Hindus. By this rate, it will be equal in Hindus & Muslims by 2028: Congress leader Digvijaya Singh (22.09) pic.twitter.com/2AtAtRj2fp
— ANI (@ANI) September 23, 2021
सीनियर प्यू रिसर्चर स्टेफनी क्रेमर के सर्वे के अनुसार वर्ष 1951 से 2011 तक हिंदुओं की जनसंख्या 30 करोड़ से बढ़कर 96 करोड़ के आसपास हो गई। इसके अलावा मुस्लिम आबादी साल 1951-2011 के बीच 3.5 करोड़ से बढ़कर 17 करोड़ के आसपास पहुंच गई है। वहीं, ईसाइयों की जनसंख्या 80 लाख से बढ़कर लगभग तीन करोड़ हो चुकी है। साल 2011 की जनगणना के मुताबिक, भारत की कुल आबादी में 79.8 फीसदी हिंदू हैं जबकि मुस्लिमों की जनसंख्या 14.2 फीसदी है।
बता दें कि मंगलवार को अमेरिका के प्यू शोध केंद्र अपनी एक रिपोर्ट में दावा किया है कि भारत में सबसे अधिक बच्चे भारतीय मुस्लिम पैदा करते हैं। हालांकि रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि सभी धर्मों में बच्चे पैदा करने ी दर में गिरावट आई है। पीउ रिसर्च ने कहा, ‘भारत के प्रत्येक धार्मिक समूह में बच्चों को पैदा करने की दर में गिरावट आई है। इसमें बहुसंख्यक हिंदू, अल्पसंख्यक मुस्लिम, ईसाई, सिख, बौद्ध और जैन शामिल हैं।
#WATCH | A study shows that since 1951, decline in fertility rate in Muslims has been more than that in Hindus. Today, fertility rate in Muslims is 2.7% & 2.3% in Hindus. By this rate, it will be equal in Hindus & Muslims by 2028: Congress leader Digvijaya Singh (22.09) pic.twitter.com/2AtAtRj2fp
— ANI (@ANI) September 23, 2021
सीनियर प्यू रिसर्चर स्टेफनी क्रेमर के सर्वे के अनुसार वर्ष 1951 से 2011 तक हिंदुओं की जनसंख्या 30 करोड़ से बढ़कर 96 करोड़ के आसपास हो गई। इसके अलावा मुस्लिम आबादी साल 1951-2011 के बीच 3.5 करोड़ से बढ़कर 17 करोड़ के आसपास पहुंच गई है। वहीं, ईसाइयों की जनसंख्या 80 लाख से बढ़कर लगभग तीन करोड़ हो चुकी है। साल 2011 की जनगणना के मुताबिक, भारत की कुल आबादी में 79.8 फीसदी हिंदू हैं जबकि मुस्लिमों की जनसंख्या 14.2 फीसदी है।
बता दें कि मंगलवार को अमेरिका के प्यू शोध केंद्र अपनी एक रिपोर्ट में दावा किया है कि भारत में सबसे अधिक बच्चे भारतीय मुस्लिम पैदा करते हैं। हालांकि रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि सभी धर्मों में बच्चे पैदा करने ी दर में गिरावट आई है। पीउ रिसर्च ने कहा, ‘भारत के प्रत्येक धार्मिक समूह में बच्चों को पैदा करने की दर में गिरावट आई है। इसमें बहुसंख्यक हिंदू, अल्पसंख्यक मुस्लिम, ईसाई, सिख, बौद्ध और जैन शामिल हैं।