उत्तर प्रदेश विधानसभा के चालू सत्र में आज ‘विजन डॉक्यूमेंट 2047’ पर चर्चा की शुरुआत हुई। इस महत्वाकांक्षी दस्तावेज़ का उद्देश्य राज्य के दीर्घकालिक विकास लक्ष्यों को तय करना और आगामी 25 वर्षों के लिए नीति दिशा प्रदान करना है।
विधानसभा में चर्चा के दौरान उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक की अनुपस्थिति में संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि बीते आठ वर्षों में प्रदेश ने विकास की मजबूत नींव रखी है। खन्ना ने दावा किया कि मौजूदा सरकार ने आधारभूत संरचना, कानून-व्यवस्था, शिक्षा, स्वास्थ्य और निवेश के क्षेत्र में उल्लेखनीय सुधार किए हैं, जिससे उत्तर प्रदेश देश की अग्रणी अर्थव्यवस्थाओं में शामिल होने की राह पर है।
खन्ना ने कहा, “विजन 2047 केवल कागज़ी योजना नहीं, बल्कि जनता की आकांक्षाओं को पूरा करने का खाका है। हम अगले 25 वर्षों में उत्तर प्रदेश को हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाना चाहते हैं।”
विपक्ष के कुछ नेताओं ने हालांकि दस्तावेज़ की व्यवहार्यता और वित्तीय प्रावधानों पर सवाल उठाए। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार के दावे जमीनी हकीकत से मेल नहीं खाते और यह योजना भी पिछले घोषणापत्रों की तरह अधूरी रह सकती है।
चर्चा के दौरान विधानसभा में बिजली, कृषि, उद्योग, शहरी विकास और पर्यावरण संरक्षण जैसे मुद्दों पर भी जोर दिया गया। उम्मीद है कि इस पर विस्तृत बहस के बाद सरकार ‘विजन डॉक्यूमेंट 2047’ को औपचारिक रूप से अपनाने की दिशा में कदम बढ़ाएगी।
प्रदेश की योगी सरकार द्वारा सत्र में विजन डाक्यूमेंट के तहत बताया की ‘विजन डॉक्यूमेंट 2047’ के प्रमुख लक्ष्य और योजनाएं रखी गयी हैं,जिसमें आर्थिक विकास – राज्य की अर्थव्यवस्था को 2047 तक ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी के स्तर तक ले जाना।
इसके साथ ही रोजगार सृजन, कृषि एवं ग्रामीण विकास, बुनियादी ढांचा जैसे एक्सप्रेसवे नेटवर्क, आधुनिक रेलवे स्टेशनों, एयरपोर्ट विस्तार और स्मार्ट सिटी परियोजनाओं का व्यापक विकास।
राज्य में शिक्षा सुधार के तहत डिजिटल शिक्षा, स्किल डेवलपमेंट और उच्च शिक्षा संस्थानों को वैश्विक रैंकिंग में शामिल करना। स्वास्थ्य सुविधाएं, ऊर्जा और पर्यावरण, शहरी एवं ग्रामीण जल प्रबंधन, सुरक्षा एवं कानून-व्यवस्था और अपराध पर नियंत्रण के लिए स्मार्ट पुलिसिंग और सीसीटीवी नेटवर्क विस्तार इसके साथ ही डिजिटल गवर्नेंस के तहत सरकारी सेवाओं को 100% ऑनलाइन और पारदर्शी बनाना।
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