कांग्रेस नेता राहुल गांधी को मोदी सरनेम पर टिप्पणी के लिए सूरत कोर्ट ने दो साल जेल की सजा सुनाई थी। इसके बाद लोकसभा सचिवालय ने राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता रद्द कर दी|इसके खिलाफ राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया| दो दिन पहले सुप्रीम कोर्ट में इसकी सुनवाई हुई और सुप्रीम कोर्ट ने सजा पर रोक लगा दी है| सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि कम सजा दी जा सकती थी| तो अब कहा जा रहा था कि राहुल गांधी एक बार फिर लोकसभा में नजर आएंगे| हालांकि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के 72 घंटे बाद भी लोकसभा स्पीकर ने अभी तक राहुल गांधी को संसदीय सदस्यता नहीं दी है| इसको लेकर अब आलोचना शुरू हो गई है|
इसे लेकर अब शिवसेना के ठाकरे गुट के सांसद संजय राउत ने सीधे तौर पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला पर निशाना साधा है। सांसद राउत ने कहा, सूरत कोर्ट के फैसले के 24 घंटे के भीतर लोकसभा अध्यक्ष ने राहुल गांधी की उम्मीदवारी रद्द कर दी थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फैसले के 72 घंटे बीत जाने के बाद भी वे राहुल गांधी को वापस संसद नहीं ले गए हैं| लोकसभा अध्यक्ष कह रहे हैं कि हम इसका अध्ययन करेंगे| तो फिर जब सूरत की अदालत ने फैसला सुनाया तो आपने अध्ययन क्यों नहीं किया?
सांसद संजय राउत ने कहा, सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात कोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी है| वहीं, गुजरात और सूरत कोर्ट को भी कड़वे शब्द सुनने को मिले हैं| हालाँकि, लोकसभा अध्यक्ष ने अभी तक इस मामले में कुछ नहीं किया है। क्योंकि ये सरकार राहुल गांधी से डरती है|
संजय राउत ने कहा, सूरत कोर्ट का फैसला आने के बाद लोकसभा स्पीकर ने तुरंत राहुल गांधी की सदस्यता रद्द कर दी| तो जल्दी करने की क्या जरूरत थी? अब सुप्रीम कोर्ट ने उस फैसले पर रोक लगा दी है, लेकिन वह (लोकसभा अध्यक्ष) कह रहे हैं कि हम अध्ययन कर रहे हैं| जब सूरत कोर्ट ने फैसला सुनाया तो क्या उन्होंने अध्ययन किया? तो अब आप क्या पढ़ रहे हैं? क्या आप इस पर पीएचडी कर रहे हैं? क्या आप डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त करने जा रहे हैं? संजय राउत ने कहा, हम सभी विपक्षी दल, अखिल भारतीय अघाड़ी के सदस्य कल (7 अगस्त) मिलेंगे। वहीं हम इस संबंध में अपनी अगली रणनीति तय करेंगे।’
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