भारतीय सेना के सूत्रों ने बुधवार को कहा कि पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच सबसे अधिक विवादित क्षेत्रों में से दो डेमचोक और देपसांग से सैनिकों की वापसी पूरी हो गई है। उन्होंने कहा कि जल्द ही इस इलाके में गश्त शुरू की जायेगी| सूत्रों ने बताया कि गुरुवार को दोनों देशों के सैनिकों के बीच दिवाली की मिठाइयों का आदान-प्रदान किया जाएगा।
भारत ने 21 अक्टूबर को चीन के साथ गश्त समझौते की घोषणा की थी, जिसकी पुष्टि चीन ने अगले दिन की थी| इसके बाद कहा गया कि वास्तविक तबरेशा पर संघर्ष के दो स्थानों से सैनिकों की वापसी शुरू हो गई है|सूत्रों ने 25 अक्टूबर को कहा था कि यह प्रक्रिया 28 या 29 अक्टूबर तक पूरी हो जाएगी|वर्तमान में, वापसी के बाद की स्थिति का सत्यापन चल रहा है और गश्त पैटर्न पर निर्णय वहां के कमांडर द्वारा लिया जाएगा। सैन्य सूत्रों ने बताया कि स्थानीय कमांडर स्तर पर चर्चा जारी रहेगी|
सूत्र ने कहा कि सैनिकों की दोनों मोर्चों से वापसी मंगलवार को ही पूरी हो गई थी, मगर दोनों पक्षों की ओर से सत्यापन का काम पूरा नहीं हुआ था। जमीनी कमांडरों के स्तर पर हुई वार्ता के बीच भारतीय सेना ने बुधवार को यूएवी के जरिये देपसांग और डेमचोक दोनों जगहों पर चीनी सैनिकों के पीछे हटने से संबंधित अपना सत्यापन पूरा कर लिया। इसके मद्देनजर पुख्ता उम्मीद है कि 31 अक्टूबर से सेना यहां गश्त शुरू कर देगी।
भारत और चीन के बीच हुए समझौते के तहत दोनों देशों के सैनिक अलग-अलग समय अंतराल पर गश्त करेंगे और एक दूसरे को इसकी जानकारी देंगे। सूत्र के मुताबिक, भारतीय सैनिक देपसांग के पांच स्थानों तो डेमचोक की दो जगहों पर गश्त के लिए जाएंगे। दोनों पक्षों के बीच अप्रैल, 2020 के पहले की यथास्थिति का अनुपालन सुनिश्चित किए जाने पर सहमति बनी है।
दोनों देशों के बीच हुए समझौते के मुताबिक भारतीय सैनिकों ने डेमचोक और देपसांग से अपने सैन्य साजो-सामान वापस ले लिए हैं|इस बीच, चीनी विदेश मंत्री ने बुधवार को कहा कि भारत और चीन व्यवस्थित तरीके से अपने सैनिकों को पीछे हटा रहे हैं| पत्रकारों से बात करते हुए लिन जियान ने बताया कि दोनों देशों के सैनिक समझौते का पालन कर रहे हैं|
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