एकनाथ शिंदे की बगावत के बाद चर्चा का विषय बने शाहजी बापू पाटिल ने अजित पवार पर जबर्दस्त व्यंग कसा है| राज्य में नई सरकार के सत्ता में आने के बाद से शिंदे समूह के बागी विधायक शाहजी बापू पाटिल ने विपक्ष पर निशाना साधने का कोई मौका नहीं छोड़ा है| इसी पृष्ठभूमि में शाहजी बापू ने दशहरा मेले में भाषणों को लेकर विपक्ष के नेता अजीत पवार के बयान पर व्यंग्यात्मक टिप्पणी की है|
शुक्रवार को पुणे में मीडिया से बात करते हुए अजित पवार ने राज्य के विभिन्न राजनीतिक मुद्दों पर टिप्पणी की। इस दौरान मीडिया के प्रतिनिधियों ने पूछा कि क्या दशहरा सभा में उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे के भाषण एक ही समय पर शुरू हो गए थे, तो वे किसका भाषण सुनेंगे? पत्रकारों के इस सवाल अजित पवार ने कहा कि अगर दोनों भाषण एक साथ शुरू होते हैं तो मैं पहले उद्धव ठाकरे और फिर एकनाथ शिंदे की बात सुनेंगे|
इस बीच अजित पवार के इसी बयान का जिक्र करते हुए शाहजी बापू ने संगोला में बोलते हुए मजाक उड़ाया है| उन्होंने कहा कि अजीत पवार का काम अब दशहरा भाषण सुनना और इंदुरीकर महाराज का कीर्तन सुनना है। अजीत पवार के पास भाषण सुनने के अलावा और कुछ नहीं है। वे नेता प्रतिपक्ष बन गए हैं। लेकिन वे अभी भी नहीं जानते कि यह कैसे करना है। क्योंकि अजित पवार हमेशा के लिए सत्ता में बने हुए हैं। अजित पवार समझ गए, लेकिन वह अभी भी यह नहीं समझते हैं।
क्या अजित पवार और भाजपा फिर साथ आएंगे? यह पूछे जाने पर शाहजी बापू पाटील ने कहा कि यह मुद्दा मेरे जैसे छोटे व्यक्ति के बारे में नहीं है। अजित पवार के साथ मेरे रिश्ते काफी अच्छे हैं, लेकिन शरद पवार को भी नहीं पता था कि अजित पवार क्या करेंगे, यह मैं कैसे जान सकता हूं? इसलिए कुछ नहीं कहा जा सकता है कि अजित पवार कब झटका देंगे|
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