24 C
Mumbai
Monday, December 29, 2025
होमक्राईमनामावोट चोरी विवाद: CSDS के संजय कुमार के खिलाफ केस दर्ज!

वोट चोरी विवाद: CSDS के संजय कुमार के खिलाफ केस दर्ज!

बीएनएस की धारा 175, 353(1)(बी), 212 और 340(1)(2) समेत कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।

Google News Follow

Related

महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के बीच प्रसिद्ध चुनाव विश्लेषक और लोकनीति-सीएसडीएस के सह-निदेशक संजय कुमार एक बड़े विवाद में घिर गए हैं। नागपुर पुलिस ने उनके खिलाफ ‘गलत सूचना फैलाने’ और चुनाव संबंधी नियमों के उल्लंघन के आरोप में एफआईआर दर्ज की है। उनके खिलाफ बीएनएस की धारा 175, 353(1)(बी), 212 और 340(1)(2) समेत कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। नासिक के सरकारवाड़ा पुलिस स्टेशन में भी उनके खिलाफ अलग से शिकायत दर्ज की गई है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि उन्होंने वोटों में धांधली का झूठा आरोप लगाया।

यह कार्रवाई संजय कुमार द्वारा सोशल मीडिया पर माफी मांगने और अपना पोस्ट हटाने के एक दिन बाद हुई है। उन्होंने एक्स पर लिखा था, “महाराष्ट्र चुनावों के संबंध में पोस्ट किए गए ट्वीट के लिए मैं ईमानदारी से माफी मांगता हूं। 2024 के लोकसभा और विधानसभा चुनावों के आंकड़ों की तुलना करते समय गलती हुई। हमारी डेटा टीम द्वारा पंक्ति में डेटा गलत पढ़ा गया था। ट्वीट को बाद में हटा दिया गया है। मेरा किसी भी प्रकार की गलत सूचना फैलाने का कोई इरादा नहीं था।”

दरअसल, संजय कुमार ने अपने अब हटाए गए पोस्ट में दावा किया था कि महाराष्ट्र के रामटेक विधानसभा क्षेत्र (क्रमांक-59) में 2024 के लोकसभा चुनाव में मतदाताओं की संख्या 4,66,203 थी, जबकि उसी साल विधानसभा चुनाव में यह घटकर 2,86,931 रह गई। उन्होंने कहा था कि यह संख्या करीब 38.45% कम हो गई है। इसी तरह, देवलाली विधानसभा क्षेत्र को लेकर भी उन्होंने दावा किया था कि लोकसभा चुनाव में मतदाता संख्या 4,56,072 थी, जबकि विधानसभा चुनाव में लगभग दो लाख कम मतदाता दर्ज हुए। उनकी रिपोर्ट में कहा गया था कि इस तरह वहां मतदाताओं की संख्या में 36.82% की गिरावट आई।

इन दावों ने चुनाव आयोग और स्थानीय प्रशासन को सतर्क कर दिया। अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि चुनावी डेटा का गलत प्रस्तुतीकरण गंभीर अपराध है और इससे मतदाताओं में भ्रम फैल सकता है। भाजपा और कुछ अन्य दलों ने भी संजय कुमार पर जानबूझकर भ्रामक जानकारी फैलाने का आरोप लगाया।

अब जबकि एफआईआर दर्ज हो चुकी है, यह मामला सिर्फ एक तकनीकी गलती तक सीमित नहीं रहा बल्कि चुनावी पारदर्शिता और चुनाव विश्लेषकों की जिम्मेदारी पर भी गंभीर सवाल खड़े कर रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह प्रकरण भविष्य में चुनावी डेटा साझा करने और उसके सत्यापन के तरीके को लेकर नई बहस को जन्म देगा।

यह भी पढ़ें:

जम्मू-पाक सीमा पर कबूतर से धमकी भरा नोट बरामद, रेलवे स्टेशन पर अलर्ट!

कांग्रेस से पूर्व न्यायाधीश बी. सुदर्शन रेड्डी के उम्मीदवार, जानिए विवादित फैसलों का इतिहास!

“शुभांशु मेरे राम, मैं उनका लक्ष्मण”

सीएम रेखा गुप्ता पर हमले के बाद अब मिलेगा जेड श्रेणी का सीआरपीएफ कवर!

National Stock Exchange

लेखक से अधिक

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

Star Housing Finance Limited

हमें फॉलो करें

151,554फैंसलाइक करें
526फॉलोवरफॉलो करें
285,000सब्सक्राइबर्ससब्सक्राइब करें

अन्य लेटेस्ट खबरें