अतुल भातखलकर ने अपने ट्वीट में कहा कि पत्रा चॉल मामले में भ्रष्टाचार की गंभीरता को देखते हुए संजय राउत इसमें छलांग लगाने वाले नहीं हैं| यह भ्रष्टाचार बड़े सत्तारूढ़ राजनेताओं के समर्थन के बिना असंभव होता। ईडी की चार्जशीट में शरद पवार का नाम है| इस मामले में उनकी जांच होनी चाहिए|
पत्राचाळीच्या भ्रष्टाचाराचा आवाका पाहाता हे प्रकरण फक्त संजय राऊत यांना झेपणारे आहे असे सुरुवातीपासून वाटत नव्हते. बड्या सत्ताधारी राजकारण्यांचा वरदहस्त असल्याशिवाय हा भ्रष्टाचार अशक्य होता. ED च्या आरोपपत्रात हे नाव आहे.
One and only one शरद पवार. याप्रकरणी तत्काळ चौकशी व्हावी. pic.twitter.com/JwqdhPVN6E— Atul Bhatkhalkar (@BhatkhalkarA) September 20, 2022
पत्रा चॉल पुनर्विकास में संजय राउत सीधे तौर पर शामिल थे। शिवसेना नेता राउत शुरू से ही सब कुछ काम करने में लगे हुए हैं। पत्रा चॉल के पुनर्विकास को लेकर वर्ष 2006-07 में तत्कालीन केंद्रीय कृषि मंत्री और तत्कालीन मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में दो बैठकें हुई थीं। इसमें संजय राउत, म्हाडा के अधिकारी और अन्य ने भाग लिया।
उसके बाद राकेश बधवान शामिल हुए। इस मामले में नियंत्रण बनाए रखने के लिए संजय राउत ने मेसर्स गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड को प्रवीण राउत का मोहरा बनाया| ईडी द्वारा दायर चार्जशीट में कहा गया है|
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