लोकसभा चुनाव के नतीजे आने में महज चार दिन बचे हैं| सातवें चरण की वोटिंग खत्म होने के बाद एग्जिट पोल जारी किए जाएंगे| एग्ज़िट पोल एक चुनावी सर्वेक्षण है। लोगों का रुझान जानने की कोशिश की जाती है| एग्ज़िट पोल निजी एजेंसियों द्वारा आयोजित किए जाते हैं। इस एग्जिट पोल से अंदाजा लगाया जा रहा है कि किस पार्टी को कितनी सीटें मिलेंगी|ये एग्जिट पोल के आंकड़े कहां से आते हैं, इनका मतलब क्या है, नियम क्या हैं?
कैसे आयोजित किए जाते हैं एग्जिट पोल?: प्रत्येक चरण के मतदान के दौरान समाचार चैनलों और मतदान एजेंसियों के अधिकारी मौजूद रहते हैं। वोट देने के बाद मतदाता से पूछा जाता है कि उसने किसे वोट दिया और उसका जवाब दर्ज किया जाता है। मतदान के बाद मतदाता का मन तरोताजा रहता है। जिसका फायदा पोलिंग एजेंसी उठाती है| फिर सभी आंकड़ों को मिलाकर उनका औसत निकाला जाता है और एग्जिट पोल में दिखाया जाता है।
क्या एग्जिट पोल सटीक होते हैं?: नहीं, ऐसा नहीं कहा जा सकता कि एग्जिट पोल सटीक होते हैं। एग्जिट पोल का काम सिर्फ रुझान दिखाना है| वे किसी के पक्ष में लहर दिखा सकते हैं, लेकिन संख्याएँ सटीक होने की संभावना कम है। फिर भी अगर हम इतिहास पर नजर डालें तो कई बार एग्जिट पोल सटीक साबित हुए हैं तो कई बार झूठे भी साबित हुए हैं।
पहला एग्जिट पोल कब आयोजित किया गया था?: कहा जाता है कि पहला चुनावी सर्वेक्षण 1957 के लोकसभा चुनावों के दौरान आयोजित किया गया था। यह सर्वेक्षण इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक ओपिनियन द्वारा आयोजित किया गया था। फिर दूरदर्शन ने 1996 के लोकसभा चुनाव के लिए उसी एजेंसी को काम पर रखा और उसके बाद एग्जिट पोल का चलन शुरू हुआ।
क्या ओपिनियन पोल और एग्जिट पोल एक जैसे हैं?: ओपिनियन पोल और एग्जिट पोल के बीच सबसे महत्वपूर्ण अंतर यह है कि ओपिनियन पोल चुनाव की तारीखों की घोषणा से पहले लिया जाता है, जबकि एग्जिट पोल सभी चरणों के मतदान समाप्त होने के बाद लिया जाता है। एक और अंतर यह है कि जनमत सर्वेक्षण हर किसी से बात करते हैं, लेकिन एग्जिट पोल केवल मतदाताओं से बात करते हैं।
एग्जिट पोल नियम: लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 126 ए के तहत कोई भी मतदान एजेंसी मतदान के दौरान अपना एग्जिट पोल जारी नहीं कर सकती है। चुनाव आयोग के पास एग्जिट पोल कराने वाली कंपनियों के लिए नियम बनाने का अधिकार है। सबसे बड़ा नियम मतदान के दौरान कोई भी आंकड़ा जारी नहीं करना है| एग्ज़िट पोल की कोई निश्चित अवधि नहीं होती; लेकिन ये दोपहर 3 बजे से शुरू होते हैं| वोटिंग के बाद ही एग्जिट पोल के आंकड़े जारी हो सकेंगे|
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