महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि वह अपने दावे पर आज भी कायम है। नवंबर 2019 में उन्होंने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता अजित पवार के साथ जो सरकार बनाई थी, उसे राकांपा मुखिया शरद पवार का समर्थन प्राप्त था। फडणवीस ने कहा कि ‘उनका बयान 100 फीसदी सच है और वह झूठ नहीं बोल रहे हैं। वहीं हाल ही में फडणवीस ने कहा था कि अजित पवार के साथ बनाई गई सरकार को शरद पवार ने अपनी सहमति दी थी और सबकुछ उनकी जानकारी में हुआ था।
वहीं पुणे में बैठक के दौरान मीडिया से बात करते हुए देवेंद्र फडणवीस ने उक्त बातें कही। फडणवीस ने कहा कि 2019 में उन्हें मुख्यमंत्री बनने से रोकने के लिए अभिमन्यु की तरह चक्रव्यूह रचा गया। लेकिन चक्रव्यूह को किस तरह तोड़ा जाए, यह हमें पता था। हमने उस चक्रव्यूह को तोड़ा और एकनाथ शिंदे के साथ मिलकर सरकार बनाई।
दरअसल तीन साल पहले अक्टूबर में हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा ने शिवसेना के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ा था। जिसमें भाजपा ने 105 सीटों पर और शिवसेना ने 56 सीटों पर जीत दर्ज की थी। दोनों पार्टियां सरकार बनाने की स्थिति में थीं लेकिन मुख्यमंत्री पद को लेकर दोनों पार्टियों में विवाद हो गया। जिसके चलते सबसे बड़ी पार्टी होने के बावजूद भाजपा को विपक्ष में बैठना पड़ा और शिवसेना ने एनसीपी और कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बना ली।
मालूम हो कि शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस की सरकार बनने से पहले 23 नवंबर की सुबह एक नाटकीय घटनाक्रम हुआ, जिसमें तत्कालीन राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने अचानक देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री और अजित पवार को उपमुख्यमंत्री पद की शपथ दिला दी थी। हालांकि इसके बाद शरद पवार ने उद्धव ठाकरे को समर्थन देने का एलान कर दिया। जिसके बाद बीजेपी को पीछे हटना पड़ा और महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी की सरकार बन गई।
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