आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर भाजपा ने मिशन 2024 के लिए तैयारी तेज कर दी है| खासकर यूपी की 14 लोकसभा सीटों पर भी जीत परचम लहराने की भाजपा की पूरी रणनीति बनायीं जा रही है| इसके लिए भाजपा की ओर से इन सीटों के लिए प्रभारी नियुक्त किये है| वही अपने मिशन को सफल बनाने के लिए भाजपा की ओर से राष्ट्रीय महामंत्री सुनील बंसल को कमान सौंपी है| बंसल अपने नयी जिम्मेदारी के साथ प्रदेश मुख्यालय पर 2 मार्च को पदाधिकारियों के साथ चिंतन और मंथन करेंगे|
जीत के लिए पूरी रणनीति : जीत के लिए पूरी रणनीति और लोगों को एकजुट करने के लिए 14 लोकसभा सीटो को ध्यान में रखते हुए भाजपा की ओर से संयोजक और सह संयोजक नियुक्त किए गए हैं| संगठन की ओर से अमरपाल मौर्य को संयोजक बनाया गया है| कलावती सिंह और विजय शिवहरे को सह संयोजक नियुक्त किया गया है| जीतने की मद्दा रखने वाले राष्ट्रीय महामंत्री सुनील बंसल को यूपी का प्रभार दिया गया है|
भाजपा की सियासी रणनीति : भाजपा ने तीन तीन लोकसभा को जोन में बांटकर पार्टी पदाधिकारियों को प्रभारी नियुक्त किया है| इनमें राज्यमंत्री जसवंत सिंह, कलावती सिंह, विजय शिवहरे और मुकुट बिहारी वर्मा को दी गई है| हारी हुई लोकसभा सीटों को लेकर भाजपा की रणनीति का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पार्टी ने पहले से चार केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, अश्वनी वैष्णव, जितेंद्र सिंह और अन्नपूर्णा देवी को अलग-अलग सीटों का प्रभार दिया है|
अमित शाह और नड्डा रखेंगे पैनी नजर : आपको बात दें कि यूपी में भाजपा की रणनीति को सफल बनाने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह स्वयं नजर बनाए हुए हैं| इसी क्रम में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी कई सीटों का दौरा कर चुके हैं| लोकसभा चुनाव 2019 में भाजपा को उत्तर प्रदेश की 80 सीटों में से 62 सीटों पर जीत मिली थी| इसके अलावा 10 पर बीएसपी, 5 सपा और एक सीट कांग्रेस को मिली थी|
इन सीटों पर मिली थी हार : लोकसभा चुनाव 2019 में भाजपा को बिजनौर, अमरोहा, मुरादाबाद, संभल, रायबरेली, घोसी, लालगंज, जौनपुर, अंबेडकर नगर, गाजीपुर, श्रावस्ती, मैनपुरी, सहारनपुर, आजमगढ़, रामपुर और नगीना सीटों पर हार का सामना करना पड़ा था | 2019 में रामपुर और आजमगढ़ सीट से सपा ने जीत हासिल की थी| यह दोनों सीट सपा के अभेद्य किले के रूप में जानी जाती हैं, लेकिन 2022 में हुए उपचुनाव में ये दोनों सीटें भाजपा के खाते में चली गईं| हालांकि मैनपुरी उपचुनाव में सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव परिवार की लाज बचाने में सफल रहीं|
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