चंद्रयान-3 की चांद पर लैंडिंग की धमक दुनिया भर में सुनाई दे रही है। हर कोई भारत की इस उपलब्धि का गुणगान कर रहा है। जब चंद्रयान -3 23 अगस्त को चांद पर उतारा तो उस समय पीएम नरेंद्र मोदी ब्रिक्स के शिखर सम्मेलन में साउथ अफ्रीका में थे। उन्होंने वहां से इसरो वैज्ञानिकों से बात की थी और उन्हें बधाई दी थी।अब विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस समय ब्रिक्स(BRICS) में अन्य देशों का इस संबंध में क्या रिएक्शन था,उसके बारे में बात की है। उन्होंने मंगलवार बताया कि चंद्रयान -3 की सफलता के बाद अफ्रीका के राष्ट्रपति पीएम मोदी के बगल में बैठना चाहते थे। यह चंद्रयान -3 की कामयाबी का असर था।
विदेश मंत्री जयशंकर ने बताया कि अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा चाहते थे कि उनकी सीट पीएम नरेंद्र मोदी के साथ लगाई जाए ताकि चंद्रयान-3 की सकारात्मक अनुभूति उन्हें भी हो। जय शंकर ने बताया कि जब हम रिट्रीट पहुंचे तो चंद्रयान -3 के बारे में लोग चर्चा कर रहे थे।उन्होंने बताया कि जब चंद्रयान-3 चांद के दक्षिणी ध्रुव पर लैंड कर रहा था। उस समय मै कॉन्फ्रेंस रूम में था और एक कोने में बड़ी स्क्रीन थी, जिसे देख रहा था। उन्होंने कहा कि उस समय किसी से बात करना मुश्किल था। इस दौरान अफ्रीका के राष्ट्रपति रामफोसा ने स्क्रीन ओर इशारा करते हुए मुझसे कहा कि विदेश मंत्री आप ऐसे देख रहे हैं कैसे कि चंद्रयान ऊपर हो।
उन्होंने कहा कि साउथ अफ्रीका के राष्ट्रपति ने जो बात कही वो हमारी सामूहिक भावना को दिखाता है. रामफोसा ने कहा कि वो पीएम नरेंद्र मोदी के बगल में बैठने जा रहे हैं ताकि उन्हें अच्छी वाइब्स ( अनुभूति) मिले। बता दें कि पीएम मोदी ने ब्रिक्स से इसरो वैज्ञानिकों को संबोधित भी किया था और उन्हें बधाई दी थी। उन्होंने कहा था कि “यह हमारे लिए गर्व की बात है कि इस सफलता को किसी एक देश की सीमित सफलता नहीं है। बल्कि मानव जाती की महत्वपूर्ण सफलता के रूप में इसे स्वीकार किया जा रहा है। “
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