मणिपुर में कुकी और मैतई समुदायों के बीच दो महीने से संघर्ष अभी भी जारी है| इस हिंसा से देशभर में आक्रोश है। ऐसे में विपक्ष केंद्र की मोदी सरकार पर हमलावर है| इस बीच पूर्व सेना प्रमुख एमएम नरवणे ने मणिपुर में हुई हिंसा पर टिप्पणी की है| नरवणे ने कहा है कि सीमावर्ती राज्यों में अस्थिरता देश की सुरक्षा के लिए ठीक नहीं है|
एमएम नरवणे इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में ‘राष्ट्रीय सुरक्षा परिप्रेक्ष्य’ पर चर्चा के दौरान बोल रहे थे। एमएम नरवणे ने कहा, ”सीमावर्ती राज्यों में अस्थिरता देश की सुरक्षा के लिए अच्छी नहीं है| मणिपुर में हिंसा में विदेशी ताकतों का हाथ होने से इनकार नहीं किया जा सकता| चीन वहां विद्रोही गुटों का समर्थन करता है| “चीन वर्षों से विद्रोही समूहों का समर्थन कर रहा है और ऐसा करना जारी रखेगा। इसलिए, सत्ता में बैठे लोग इस पर ध्यान देंगे और कार्रवाई करेंगे,” नरवणे ने उम्मीद जताई।
‘भारत’ अघाड़ी ने हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा किया: विपक्षी दलों ‘भारत’ अघाड़ी की एक टीम ने शनिवार को दंगा प्रभावित चुराचांदपुर शहर का दौरा किया। उन्होंने वहां दंगा पीड़ितों से भी मुलाकात की| राहत शिविर का दौरा करने के बाद कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने केंद्र सरकार की आलोचना की| ”क्या केंद्र सरकार अत्याचार मामले की जांच सीबीआई को सौंपने को लेकर अब तक सो रही थी?” ये सवाल पूछा है चौधरी ने|
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