मुंबई का चर्चित आर्यन खान ड्रग मामले के बाद सुर्खियों में आए एनसीबी के पूर्व अधिकारी समीर वानखेड़े को जाति सत्यापन समिति की ओर क्लीन चिट दे दी गयी है। उन पर अपने धर्म को छुपाकर एक पिछड़े वर्ग के अधिकारों को हड़पने का आरोप लगाया गया था। आरोप की जांच के बाद जाति सत्यापन समिति ने समीर वानखेड़े को क्लीन चिट देते हुए कहा कि वह जन्म से मुसलमान नहीं हैं।
बता दें कि आर्यन खान के ड्रग मामले के बचाव में आये एनसीपी नेता नबाव मालिक द्वारा एनसीबी के पूर्व अधिकारी पर जाति को लेकर जबर्दस्त हमला किया गया था| इस मामले में जाति सत्यापन समिति ने 91 पन्नों का आदेश जारी किया है।
समिति ने समीर वानखेड़े का जाति प्रमाण पत्र भी बरकरार रखा है। समिति ने कहा है कि समीर वानखेड़े और उनके पिता ज्ञानेश्वर वानखेड़े ने हिंदू धर्म का त्याग नहीं किया और मुस्लिम धर्म स्वीकार किया और अनुसूचित जाति (महार-37) श्रेणी के हैं। इस बीच, जाति सत्यापन समिति द्वारा किए गए निष्कर्ष के बाद, समीर वानखेड़े ने सत्यमेव जयते को ट्वीट करके अपने विचार व्यक्त करते हुए प्रतिक्रिया दी है।
पूर्व मंत्रियों और राकांपा नेताओं नवाब मलिक, मनोज संसारे, अशोक कांबले, संजय कांबले ने वानखेड़े के जाति प्रमाण पत्र पर आपत्ति जताई थी। शिकायतकर्ताओं ने यह भी दावा किया कि उन्होंने अपने मूल धर्म को छिपाकर पिछड़ी जाति होने का बोगस प्रमाण प्रस्तुत किया। हालांकि, जाति सत्यापन समिति ने यह भी कहा कि वे शिकायतकर्ताओं द्वारा किए गए दावे की पुष्टि नहीं कर सके।